जनहित याचिका दायर कर उद्धव, आदित्य, राउत के खिलाफ राजद्रोह के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग

मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे व मंत्री आदित्य ठाकरे एवं शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ राजद्रोह और शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया गया है.
यह याचिका पुणे के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हिमंत पाटिल ने दायर की है जिसमें उच्च न्यायालय से आग्रह किया गया है कि वह तीनों नेताओं को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ कोई भी बयान देने से रोके. शिंदे ने शिवसेना के खिलाफ बगावत कर दी है और वह असंतुष्ट विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी स्थित एक होटल में हैं.

शिंदे की बगावत की वजह से शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
याचिका में दावा किया गया है कि शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के विद्रोह के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन हुए हैं और उनके खिलाफ जÞबानी हमले किए गए हैं.

उसमें कहा गया है, ‘‘ शिवसेना के बागी विधायक प्रतिवादी पांच से सात (उद्धव, आदित्य एवं राउत) से खतरे की वजह से असम में रह रहे हैं. प्रतिवादी सात (राउत) ने सभी 40 विधायकों को धमकी दी है कि असम से उनके शव आएंगे और उन्हें सीधे पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर भेजा जाएगा.’’ याचिका में कहा गया है, ‘‘ इस तरह से वे सब महाराष्ट्र में दंगे और हिंसा की स्थिति पैदा कर रहे हैं.’’

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