जिया ने आत्महत्या की है, यह साबित करने के लिए पुलिस, सीबीआई सबूत नहीं जुटा पाई: अभिनेत्री की मां

मुंबई. दिवंगत अभिनेत्री जिया खान की मां राबिया खान ने बृहस्पतिवार को यहां एक विशेष अदालत से कहा कि न तो पुलिस और न ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) यह साबित करने के लिए कोई सबूत एकत्र कर पाया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की थी.
राबिया खान ने अदालत को यह भी बताया कि वह मानती हैं कि यह हत्या का मामला है न कि आत्महत्या का.

जिया खान ने जून 2013 में अपने आवास पर कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी. अभिनेता सूरज पंचोली पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था. इसकी जांच पुलिस और सीबीआई ने की थी. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. सूरज का 25 ­वर्षीय अभिनेत्री का प्रेम प्रसंग था.

जिया खान की मां राबिया खान ने विशेष न्यायाधीश ए एस सैय्यद के समक्ष मामले में अपना बयान बृहस्पतिवार को भी दर्ज कराया.
जिया खान की मौत से जुड़ी घटना के बारे में उनकी मां ने अदालत को बताया कि तीन जून 2013 को जैसे ही उन्होंने जिया के बेडरूम का दरवाजा खोला तो वह वहां उन्हें फंदे से लटकी मिलीं.

राबिया खान ने कहा कि उन्होंने अभिनेत्री अंजू महेंद्रू को फोन करके बताया कि जिया फंदे से लटकी हुई है. महेंद्रू 10 मिनट में मोइन बेग के साथ मौके पर पहुंची. उनके आने पर, जिया के गले से दुपट्टे की गांठ खोली गई और उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया. राबिया ने कहा, ‘‘बेग दौड़कर डॉक्टर के पास गए. डॉक्टर ने उनकी जांच की, और उन्हें मृत घोषित कर दिया.” कुछ देर बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई. एक अधिकारी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां जिया लेटी हुई थी. राबिया खान ने कहा अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ गड़बड़ है. उन्होंने कहा कि बाद में, सूरज पंचोली के पिता अभिनेता आदित्य पंचोली घर आए.

राबिया खान ने कहा, “जैसे ही उन्होंने (आदित्य पंचोली) मेरे घर में प्रवेश किया, वह मेरे पैरों पर गिर गए और कहा कि उनके बेटे ने अपना जीवन और करियर बर्बाद कर दिया है.’’ राबिया खान ने अदालत को बताया कि पुलिस जिया के फोन समेत उनका सारा सामान ले गई. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी दूसरी बेटी को जिया का फोन अनलॉक करने के लिए थाने बुलाया.

राबिया के मुताबिक, ‘‘ जब वह थाने गई, तो जिया का फोन पहले से ही अनलॉक था और कई तस्वीरें और संदेश डिलीट कर दिए गए थे. ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने फोन के साथ छेड़छाड़ की हो… तभी मेरा जुहू पुलिस (जिसने शुरू में मामले की जांच की थी) से भरोसा उठ गया .’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ मेरी बेटी की मृत्यु के दो घंटे के अंदर ही उन्होंने इसे आत्महत्या घोषित कर दिया था. मुझे संदेह है कि उनके शव को दुर्भावनापूर्ण इरादे से कूपर अस्पताल से जे जे अस्पताल ले जाया गया था.’’ राबिया ने दोहराया कि जब एक महिला पुलिसकर्मी उनके घर बयान दर्ज कराने आई तो उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है, क्योंकि उनकी बेटी के शरीर पर चोट के निशान थे.

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