आवासीय स्कूलों में बच्चों पर हुए अत्याचार पर पोप की माफी पर्याप्त नहीं: कनाडा की सरकार

क्यूबेक सिटी. कनाडा की सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि देश में चर्च द्वारा संचालित आवासीय स्कूलों में मूलनिवासियों पर हुए अत्याचार को लेकर पोप फ्रांसिस की ओर से मांगी गई माफी पर्याप्त नहीं है. सरकार ने कहा कि अतीत में हुए बुरे बर्ताव के लिए वर्तमान में किये जा रहे सुलह के प्रयासों में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.

पोप फ्रांसिस अपनी सप्ताहभर की कनाडा यात्रा के दूसरे चरण के दौरान क्यूबेक सिटी में पहुंचे जहां उन्होंने गवर्नर जनरल मैरी साइमन के आवास पर उनसे तथा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की. फ्रांसिस ने कहा कि वह आवासीय स्कूलों में चर्च की भूमिका को लेकर ‘‘पश्चाताप की यात्रा’’ पर आए हैं.

कनाडा में कई पीढ़ियों तक मूलनिवासियों के बच्चों को जबरन घर से बाहर निकालकर चर्च द्वारा संचालित और सरकार द्वारा वित्तपोषित स्कूलों में पढ़ने के लिए बाध्य किया जाता था ताकि उन्हें ईसाई मत और कनाडाई समाज में शामिल किया जा सके. कनाडा की सरकार ने कहा है कि इन स्कूलों में यौन शोषण और मारपीट आम बात थी और बच्चों को उनकी मूल मातृभाषा बोलने पर भी पीटा जाता था.

फ्रांसिस ने सोमवार को चर्च र्किमयों के इन कृत्यों के लिए माफी मांगी जो उस समय स्कूलों में काम करते थे. कनाडा में इस प्रकार के आवासीय स्कूलों का संचालन जब अंतिम दौर में था तब ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो प्रधानमंत्री थे. जस्टिन ने कहा कि अतीत में हुए अत्याचारों के लिए कैथोलिक चर्च को एक संस्थान के रूप में जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सुलह के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है.

फ्रांसिस के सामने प्रधानमंत्री ने कहा कि कनाडा के 2015 के ‘ट्रुथ एंड रीकन्सीलिएशन कमीशन’ ने पोप से आग्रह किया था कि वे कनाडा की धरती पर आकर माफी मांगें लेकिन यह संभव नहीं होता अगर मूलनिवासी, इनुइट और मेटीस समुदाय के लोगों ने वेटिकन जाकर माफी मांगने का दबाव नहीं बनाया होता.

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