प्रधानमंत्री पहले खुद आईना देखें : ममता ने तृणमूल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कहा

जलपाईगुड़ी. पश्चिम बंगाल में केंद्रीय दलों द्वारा की जा रही भ्रष्टाचार संबंधी जांच पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहले खुद आईना देखना चाहिए.

जलपाईगुड़ी जिले के मोइनागुड़ी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ रही है, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस उसके साथ मिलकर काम कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ”भाजपा ने बंगाल में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए करीब 300 केंद्रीय दलों को भेजा था लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. अब प्रधानमंत्री मोदी को बंगाल की जनता को जवाब देना होगा कि मनरेगा की धनराशि का क्या हुआ? गरीब लोगों ने योजना के तहत काम किया लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया.” बनर्जी ने कहा, ”प्रधानमंत्री कहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्ट पार्टी है. पहले उन्हें आईना देखना चाहिए. उनकी पार्टी में डकैत भरे पड़े हैं.” नोटबंदी का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि इससे किसे फायदा हुआ था.

उन्होंने भाजपा को ‘बंगाली विरोधी पार्टी’ बताया और आरोप लगाया कि वह ‘एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की आड़ में’ आदिवासियों, दलितों तथा ओबीसी को ‘बाहर करने की योजना बना रही है’. बनर्जी ने कहा, ”हम बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे.” माकपा और कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ”बंगाल में केवल तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा से लड़ रही है, जबकि अन्य दोनों विपक्षी दल उसके साथ काम कर रहे हैं. हम राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के साथ हैं, लेकिन देश को बचाने के लिए बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को जीतना होगा.”

उन्होंने दावा किया कि अगर भाजपा फिर से सत्ता में आ जाती है तो देश में चुनाव नहीं होंगे. बनर्जी ने दावा किया, ”एक आदमी और एक पार्टी का शासन होगा.” मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह राज्य सरकार को जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार में तूफान से तबाह हुए मकानों के पुर्निनर्माण की अनुमति नहीं दे रहा.

उन्होंने कहा, ”चुनाव हो जाएं, हम उन मकानों को फिर से बनाएंगे.” उन्होंने दावा किया कि केंद्र में भाजपा नीत सरकार ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में स्थित चाय बागानों के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार ने 59 चाय बागान फिर से खोले और दशकों से वहां रह रहे श्रमिकों को भूमि के अधिकार दिए.” बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ सदस्यों ने जिले के चालसा इलाके में उनके काफिले को निशाना बनाते हुए ‘चोर-चोर’ के नारे लगाए थे. उन्होंने कहा, ”जरा उनके दुस्साहस की कल्पना कीजिए. मैं अपनी सांसद पेंशन तक नहीं ले रही. मैं कोई वेतन नहीं लेती. मैं अपनी कार में यात्रा करती हूं और सरकार गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करती. मैं साधारण परिधान पहनती हूं और सादा जीवन जीती हूं. मैं एक कप चाय जैसे खर्च का भी भुगतान करती हूं.”

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