राहुल गांधी ने भाजपा पर सांप्रदायिक विभाजन का आरोप लगाया

नयी दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूरे ंिहदू समाज को ंिहसक कहना बहुत गंभीर विषय है।

राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाये गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि ंिहदू कभी ंिहसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता। उन्होंने भाजपा पर युवाओं, छात्रों, किसानों, मजदूरों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने का आरोप भी लगाया।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अल्पसंख्यकों को डराते हैं और उनके खिलाफ नफरत फैलाते हैं, लेकिन अल्पसंख्यक इस देश के साथ चट्टान की तरह मजबूती से खड़े रहे हैं, उन्होंने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है और वे देशभक्त हैं।

कांग्रेस नेता के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ ंिसह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, कृषि मंत्री शिवराज ंिसह चौहान तथा भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के कुछ अन्य नेताओं ने अलग-अलग ंिबदुओं को लेकर आपत्ति दर्ज कराई तथा नेता प्रतिपक्ष पर सदन को गुमराह करने एवं गलत बयानी करने का आरोप लगाया।

शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि राहुल गांधी द्वारा की गई बातों का सत्यापन किया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष के रूप में किसी प्रस्ताव पर राहुल गांधी का सदन में यह पहला भाषण था। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक के बीच राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ये अंिहसा का देश है, ये डर का देश नहीं है। भगवान शिव कहते हैं- डरो मत, डराओ मत। वे अंिहसा की बात करते हैं….।’’ इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल से कहा, ‘‘आप नेता प्रतिपक्ष हैं। इसका ध्यान रखें कि किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘पूरे ंिहदू समाज को ंिहसक कहना…यह बहुत गंभीर विषय है।’’ गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘नेता विपक्ष ने कहा है कि जो अपने आपको ंिहदू कहते हैं वे…करते हैं। इन्हें मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग अपने आप को गर्व से ंिहदू कहते हैं, क्या वे सभी लोग ंिहसा करते हैं। उन्हें (राहुल) माफी मांगनी चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आपातकाल में पूरे देश को भयभीत किया गया। आपातकाल के समय वैचारिक आतंक था। दिल्ली में हजारों सिख भाइयों का कत्लेआम उनके (कांग्रेस) शासनकाल में हुआ।’’ सदन में भारी शोर-शराबे के बीच बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि उन्हें सदन में अपनी बात रखते समय पूरा ध्यान रखना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाई और कहा कि शंकर भगवान से सच, साहस और अंिहसा की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, ‘‘भगवान शिव कहते हैं कि डरो मत, डराओ मत।’’ उन्होंने भगवान शिव की ‘अभय मुद्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन सभी धर्मों में यह मुद्रा नजर आती है।

राहुल गांधी ने अयोध्या में भाजपा की हार का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने भाजपा को एक संदेश दिया है। उन्होंने अयोध्या (फैजाबाद) से सपा (समाजवादी पार्टी) सांसद अवधेश प्रसाद के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए दावा किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या से चुनाव लड़ने के लिए दो बार सर्वेक्षण करवाया। सर्वेक्षण करने वालों ने साफ कह दिया कि अयोध्या से चुनाव मत लड़िएगा, अयोध्या की जनता हरा देगी। इसलिए नरेन्द्र मोदी वाराणसी गए और वहां भी बचकर निकले।’’

उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में हवाई अड्डा बनाने के लिए किसानों की जमीन छीन ली गई और विकास कार्य के नाम पर छोटे दुकानदारों की दुकानें ध्वस्त कर दी गईं। राहुल गांधी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी में कथित अनियमितता का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार ने एक पेशेवर परीक्षा को ‘‘व्यावसायिक परीक्षा’’ में तब्दील कर दिया है।

उन्होंने कहा कि अब छात्रों को नीट की परीक्षा पर विश्वास नहीं रहा तथा उन्हें लगता है कि इसे अमीर परिवारों के छात्रों की मदद करने के लिए तैयार किया गया है। कांग्रेस नेता ने ‘अग्निपथ’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि सैनिकों में भेदभाव पैदा कर दिया गया और ‘अग्निवीरों’ की मृत्यु पर उन्हें शहीद का दर्जा और एक आम सैनिक की तरह उनके परिवारों को पेंशन और सहायता राशि नहीं मिलती।

इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ ंिसह ने आपत्ति जताई और कहा कि नेता विपक्ष सदन में गलत बयानी कर रहे हैं, जबकि सच यह है कि जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान है।
राहुल गांधी ने कहा कि सेना और अग्निवीरों को सब पता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं दे रही है। उन्होंने लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘देश ने मिलकर संविधान की रक्षा की है। अच्छा लग रहा है कि भाजपा के लोग अब संविधान-संविधान बोल रहे हैं।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्ष में संविधान और भारत की अवधारणा पर सुनियोजित ढंग से हमला किया गया है… संविधान और भाजपा के विचारों का विरोध करने वाले करोड़ों लोगों पर हमला किया गया है। कई लोगों पर निजी तौर पर हमला किया गया। कई नेताओं को जेल में डाला गया। हमारे एक नेता (हेमंत सोरेन) अभी जेल से बाहर आए और एक नेता (अरंिवद केजरीवाल) जेल में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझ पर हमला किया गया। सरकार, प्रधानमंत्री के आदेश पर मेरे खिलाफ 20 से अधिक मामले दर्ज किए गए, दो साल की सजा दी गई… मुझसे 55 घंटे तक पूछताछ की गई।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं भाजपा को बताना चाहता हूं कि हमने किन विचारों का उपयोग भारत की अवधारणा की रक्षा करने के लिए किया है।’’ राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नोटबंदी और गलत ढंग से लागू किए गए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के जरिए रोजगार सृजन की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई।

उन्होंने यह भी कहा कि यह उद्योगपतियों के लिए रास्ता साफ करने का तरीका है। गुजरात का उल्लेख करने पर सत्तापक्ष की तरफ से कुछ सदस्यों ने उन्हें टोका तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘लिखकर ले लो ‘इंडिया’ गठबंधन गुजरात में (2027) भाजपा को हराने जा रहा है।’’ राहुल गांधी ने भाषण के अंत में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की कई बातें तथ्यात्मक नहीं हैं।

उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इन बातों का सत्यापन किया जाए। बिरला ने कहा कि सत्यापन किया जाएगा। बाद में राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी 10 वर्षों से ‘भय का राज’ चला रहे हैं। सभी एजेंसियों, संस्थाओं और मीडिया पर कब्ज़ा कर समाज के हर वर्ग में भाजपा ने सिर्फ डर फैलाने का काम किया है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘किसानों को काले कानूनों का डर, छात्रों को प्रश्न पत्र लीक का डर, युवाओं को बेरोजगारी का डर, छोटे व्यापारियों को गलत जीएसटी, नोटबंदी और छापों का डर, देशभक्तों को अग्निवीर (अग्निपथ) जैसी योजनाओं का डर और मणिपुर के लोगों को गृहयुद्ध का डर। इसीलिये देश की जनता ने ‘डर के पैकेज’ के खिलाफ जनादेश देकर भाजपा से बहुमत छीन लिया है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘डरना-डराना, भय फैलाना भारत की आत्मा के खिलाफ है। हमारे सभी धर्म भी यही सिखाते हैं – डरो मत, डराओ मत। विपक्ष के नेता के रूप में मेरी ज़म्मिेदारी है कि मैं अपनी निजी आकांक्षाओं और विचारों से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन की संयुक्त आवाज़ को सदन के समक्ष रखूं।’’ उनका कहना था, ‘‘सरकार से हमारी यही अपेक्षा है कि वह विपक्ष को दुश्मन नहीं, सहयोगी मानकर देश हित में सबको साथ लेकर काम करे।’’

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