राजीव ने बहुमत का उपयोग देश को एकजुट करने के लिए किया, भाजपा एकरूपता थोपने का प्रयास कर रही: अय्यर

नयी दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने दावा किया है कि राजीव गांधी की सरकार ने अपने प्रचंड बहुमत का इस्तेमाल देश को एकजुट करने के लिए किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मौजूदा सरकार अपने बहुमत के दम पर ”विविधता पर एकरूपता थोपने का प्रयास कर रही है.” अपनी पुस्तक ”द राजीव आई न्यो’ को लेकर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिन्हें सही तरीके से नहीं समझा गया, जबकि वह एक ”बहुत ईमानदार व्यक्ति” थे, लेकिन उनमें राजनीतिक चतुराई, साजिश और उन गुणों का अभाव था जिन्हे हिंदी फिल्मों में एक नेता की खूबी के रूप में दर्शाया गया.

नौकरशाही से राजनीति में कदम रखने वाले अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी का इरादा कभी भी संप्रदायों के बीच तनाव भड़काना नहीं रहा और शाहबानो मामले पर पूर्व प्रधानमंत्री की आलोचना ”अनुचित” है. राम जन्मभूमि मुद्दे पर अय्यर ने कहा कि राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे अरुण नेहरू बाबरी मस्जिद का ताले खोलने के लिए जिम्मेदार थे.

अय्यर ने तर्क दिया कि 1986 के जनवरी-फरवरी में जब ताले खोले गए थे तो किसी को भी यह अनुमान नहीं था कि ”22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री मुख्य पुजारी के रूप में राम मंदिर का उद्घाटन (प्राण प्रतिष्ठा) करेंगे.” उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए किसी ज्योतिषी की आवश्यकता पड़ती. ‘जगरनॉट’ द्वारा प्रकाशित पुस्तक में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल (31 अक्टूबर, 1984-2 दिसंबर, 1989) के बारे में बात की गई. अय्यर ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अधिकारी के तौर पर राजीव गांधी के साथ काम किया था.

अपनी किताब के बारे में बातचीत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार दोनों के पास स्पष्ट बहुमत है, लेकिन दोनों बिल्कुल विपरीत हैं. उन्होंने पंजाब, असम और मिजोरम का उदाहरण देते हुए यह रेखांकित किया कि राजीव गांधी ने ”देश में हर समस्या का समाधान ढूंढा.”

अय्यर ने कहा, ”उनके द्वारा उठाए गए सभी सकारात्मक कदमों और घरेलू और विदेश नीति के मोर्चे पर उनकी बड़ी पहलों के अलावा, जो समस्याएं थीं, उनका समाधान किया गया. निश्चित रूप से शाह बानो मामले को गलत तरीके और सांप्रदायिकता के रूप में चित्रित किया गया था.” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रचंड बहुमत वाली मौजूदा सरकार विविधता वाले देश में एकरूपता लागू करने का प्रयास कर रही है. अय्यर ने कहा, ”भारत में राजनीति का मूल सिद्धांत विविधता का सम्मान करते हुए एकता सुनिश्चित करना है.”

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