कम्बोडिया में राम हर दिल में बसते हैं : यहां नृत्य के रूप में दर्शाया जाता है रामायण को
रायपुर. भारत से करीब 4500 किमी की दूरी पर स्थित देश कम्बोडिया में विश्व का सबसे बड़ा विशाल अंगकोर वाट (विष्णु) मंदिर है. यहां की संस्कृति में भगवान राम घर-घर और लोगों के दिलों मे बसते हैं, यहां राम को हर आम आदमी की कहानी से जोड़कर देखा जाता है.
कम्बोडिया से पहुंची 12 सदस्यीय टीम ने बताया कि यहां जिस तरह से भगवान राम को पूजते हैं, उसी तरह वहां भी राम की मान्यता है, हमारे यहां राम को रिमकर के नाम से जाना जाता है. यह एक कम्बोडियन महाकाव्य से उद्घृत कविता है जो संस्कृत के रामायण से प्रेरित है. रिमकर यानी राम की महिमा होती है. कम्बोडिया में भी सरकार यहां की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करती है. यहां भगवान की कहानी को आम लोगों से जोड़कर दिखाया जाता है. कम्बोडिया से आए के रामकथा के एक कलाकार ने बताया कि इस तरह की प्रस्तुति देने पहली बार भारत आए हैं, लेकिन इससे पूर्व वे पारिवारिक यात्रा में वे भारत आ चुके हैं.
अंतराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में शुभारंभ अवसर पर 1 जून को कम्बोडिया की अंतरराष्ट्रीय रामायण टीम ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी थी. आकर्षक वेशभूषा के साथ 25 मिनट की प्रस्तुति के दौरान टीम ने दर्शकों का दिल जीत लिया. कम्बोडिया रामायण टीम द्वारा अहिरावण प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति की गयी, इस प्रसंग में रावण का भाई अहिरावण राम को मूर्छित कर पाताल लोक ले जाते हैं. तब हनुमान राम को लाने पाताललोक जाते हैं, जहां उनका सामना अपने ही पुत्र मकरध्वज से होता है. युद्ध में दोनों की लड़ाई होती है, लेकिन इसमें किसी जीत या हार नहीं होती. अंत में हनुमान राम को वापस लाते हैं.
कम्बोडिया की टीम ने इस प्रसंग को बड़े ही भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया. इस प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया. भावों को समझने भाषा आड़े नहीं आई. लोग कम्बोडिया के रामायण में भी उसी भावधारा में बहते रहे जैसे मानस कथा सुनकर अभिभूत हो जाते हैं.