विरोध के चलते रणबीर, आलिया ने लिया महाकाल मंदिर नहीं जाने का फैसला : नरोत्तम मिश्र

भोपाल. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को दावा किया कि अभिनेता रणबीर कपूर और अभिनेत्री आलिया भट्ट को उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन करने से किसी ने रोका नहीं था बल्कि विरोध के चलते उन्होंने स्वयं मंदिर नहीं जाने का फैसला किया.

मिश्रा का यह बयान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास प्रदर्शन के एक दिन बाद आया है.
मंत्री ने यह भी कहा कि कलाकारों और अभिनेताओं को ऐसी टिप्पणी करने से दूर रहना चाहिए जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे. ‘बीफ’ खाने और ‘ब्रह्मास्त्र’ फिल्म देखने के बारे में बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की कथित टिप्पणियों के खिलाफ मंगलवार रात को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से रणबीर और आलिया महाकाल मंदिर में नहीं गए.

एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. प्रदेश के गृह मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता मिश्रा ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ विरोध एक अलग मामला है. उनके (मंदिर में) प्रार्थना करने पर कोई रोक नहीं थी. उनके साथ आए अन्य लोगों ने पूजा-अर्चना की और सभी इंतजाम किए गए.’’ उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें बताया कि रणबीर और आलिया से भी मंदिर जाने का अनुरोध किया गया था, लेकिन विरोध के कारण वहां न जाने का निर्णय उनका था.

मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि विरोध के बीच फिल्म ब्रह्मास्त्र के निर्देशक अयान मुखर्जी ने महाकाल के दर्शन किए.
प्रत्यक्षर्दिशयों के अनुसार, लाठीचार्ज के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने दंपती को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. रणबीर और आलिया के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए.

बजरंग दल के नेता अंकित चौबे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उन्हें पवित्र महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि कुछ दिन पहले रणबीर ने कहा था कि वह मांसाहारी भोजन में मटन, चिकन और बीफ खाना पसंद करते हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि यहां तक आलिया ने कहा था कि जो लोग उनकी फिल्म ब्रह्मास्त्र देखना चाहते हैं, उन्हें देखना चाहिए और नहीं देखना चाहते हैं, वे ना देखें.

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत कार्रवाई की. महाकालेश्वर मंदिर देश के 12 ‘ज्योतिर्लिंगों’ में से एक है जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

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