पंजाब: स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा

चंडीगढ़. पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार के एक मामले में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) विक्रांत कुमार की अदालत ने 28 मार्च को सिंह के दोषी पाए जाने के बाद यह फैसला सुनाया. सिंह को अक्सर ‘यीशु-यीशु पैगंबर’ कहकर भी संबोधित किया जाता था.
सिंह को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया, जबकि मामले में पांच अन्य आरोपियों अखबार भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप पहलवान को बरी कर दिया गया.
फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. सिंह को मनसा जेल से भारी सुरक्षा घेरे में अदालत परिसर लाया गया था. यह मामला 2018 में जीरकपुर थाने में एक महिला द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था.
पीड़िता के वकील अनिल कुमार सागर ने संवाददाताओं से कहा, ”वह (सिंह) आजीवन सलाखों के पीछे रहेगा.” पीड़िता ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया.
अपनी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सिंह ने उसे विदेश ले जाने का वादा करके प्रलोभन दिया था. इसके बाद उसने मोहाली के सेक्टर 63 में अपने आवास पर उससे बलात्कार किया और इस कृत्य का वीडियो भी बनाया. उसने पीड़िता को धमकी दी थी कि अगर वह उसकी मांगें नहीं मानती है तो वह इस वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित कर देगा. सिंह को 2018 में लंदन जाने की कोशिश करते समय दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था.
बाद में उसे इस मामले में जमानत मिल गई. तीन मार्च को मोहाली की अदालत ने 2018 के बलात्कार मामले के सिलसिले में सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. सिंह का विवादों से नाता कोई नया नहीं है. 22 वर्षीय महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 28 फरवरी को उस पर यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले में मामला दर्ज किया गया था.
बाद में कपूरथला पुलिस ने स्वयंभू उपदेशक के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. मोहाली पुलिस ने 25 मार्च को एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सिंह पर मारपीट और अन्य आरोपों के संबंध में मामला दर्ज किया. कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ था जिसमें सिंह महिला से बहस करते और उसे थप्पड़ मारते हुए दिख रहा था.
वीडियो कथित तौर पर 14 फरवरी को एक कमरे के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज लग रही है. स्वयंभू धर्मगुरु जालंधर के ताजपुर में ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ नामक गिरिजाघर का संचालन करता है, जिसकी एक शाखा मोहाली के माजरी में भी है. हरियाणा के जाट बजिंदर सिंह ने एक दशक से भी पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. उसके समर्थकों का दावा है कि उनके गिरजाघर की भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं. स्वयंभू धर्मगुरु धार्मिक समागम आयोजित करता था, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी बीमारियों के इलाज की उम्मीद में आते थे.
इन समागमों का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल ‘पैगंबर बजिंदर सिंह’ पर किया जाता था, जिसके 37.4 लाख सब्सक्राइबर हैं.