राजस्व अधिकारियों ने कहा : वाद्रा की कंपनी के भूमि हस्तांतरण में नियम का उल्लंघन नहीं

चंडीगढ़. हरियाणा मे राजस्व अधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा रियल्टी कंपनी डीएलएफ को भूमि के हस्तांतरण में कोई नियम नहीं तोड़ा गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने शुक्रवार को दावा किया कि किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कारोबारी रॉबर्ट वाद्रा और कुछ अन्य के खिलाफ सितंबर 2018 में गुरुग्राम में दर्ज एक प्राथमिकी से जुड़ी जांच में, हरियाणा के राजस्व अधिकारियों ने कहा कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा डीएलएफ को 3.5 एकड़ भूमि के हस्तांतरण में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.

यह जानकारी बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को दी गई. कांग्रेस नेताओं ने इसकी व्याख्या भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाद्रा को “क्लीन चिट” के रूप में की. राबर्ट वाद्रा ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘हरियाणा सरकार द्वारा अदालत को दी गई रिपोर्ट में आशा की किरण देखकर मुझे खुशी हुई कि मेरे व्यापारिक लेनदेन में कोई गलत काम नहीं हुआ.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि यह किसी और के साथ ना हो. राजनीति का प्रतिशोधी तरीका देश के लिए जहरीला है.’’ लेकिन हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में दावा किया कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के बीच जमीन के हस्तांतरण में शामिल किसी व्यक्ति को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है. सरकार ने कहा कि मामले में अभी जांच जारी है.

अदालत में दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि आगे की जांच के लिए 22 मार्च को एक नयी एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया. आधिकारिक बयान के अनुसार एसआईटी अभी और दस्तावेज प्राप्त कर रही है और मामले से जुड़े लोगों की जांच कर रही है. बयान के अनुसार, हलफनामे में यह भी कहा गया है कि एसआईटी को अभी कुछ हितधारकों के बयान दर्ज करने हैं और बैंकों एवं सरकारी विभागों से कुछ रिकॉर्ड या स्पष्टीकरण प्राप्त करना बाकी है.

बयान में कहा गया है, “एसआईटी की जांच का विषय सिर्फ राजस्व नुकसान की जांच तक सीमित नहीं है.” मानेसर के तहसीलदार द्वारा अदालत में बुधवार को दाखिल हलफनामे के अनुसार स्काइटलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर 2012 को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची तथा इस लेनदेन में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा में पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुए जमीन सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था तथा 2014 के चुनावों में इसे प्रमुख मुद्दा बनाया था.

गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी. नूंह के एक निवासी की शिकायत पर दर्ज इस प्राथमिकी में भूमि सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. बहरहाल, कांग्रेस, हुड्डा और वाद्रा ने कुछ गलत करने से हमेशा इनकार किया.

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशोक खेमका ने गुरुग्राम जिले में मानेसर-शिकोहपुर में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी तथा डीएलएफ के बीच हुए 3.5 एकड़ के भूमि सौदे के नाम परिर्वतन (म्यूटेशन) को रद्द कर दिया था. नाम परिवर्तन किसी जमीन के मालिकाना हक को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा होता है.

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