यू्क्रेन में मिले रूसी ड्रोन में ईरान की नयी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किए जाने के संकेत

मॉस्को: यूक्रेन के शहरों में हाल में रूस के हमलों के बाद मलबे से एक ऐसा रूसी ड्रोन मिला है जो बाकियों से अलग है और इसमें ईरान निर्मित एक नयी प्रौद्योगिकी भी पायी गयी है। यूक्रेन के एक ड्रोन विशेषज्ञ के अनुसार, इस ड्रोन में एक आधुनिक कैमरा, कृत्रिम मेधा (एआई) से संचालित कम्प्यूंिटग प्लेटफॉर्म और एक रेडियो ंिलक है, जिससे कोई व्यक्ति रूस में बैठा-बैठा ही दूर तक इसे संचालित कर सकता है। इसमें ईरान द्वारा निर्मित नयी जैंिमग रोधी प्रौद्योगिकी भी है।

एक इलेक्ट्रॉनिक विशेषज्ञ सेरही बेस्क्रेस्तनोव ने कहा कि ज्यादातर रूसी ड्रोन काले हैं लेकिन जो यह नया ड्रोन मिला है, वह सफेद रंग का है। ब्रेस्क्रेस्तनोव ने कहा कि ड्रोन के अंदर ऐसा कोई चिह्न या लेबल नहीं मिला है जिससे पता चले कि यह रूस द्वारा निर्मित है, बल्कि इसमें इसमें ऐसे ‘स्टिकर’ मिले हैं जो ‘मानक ईरान लेबल प्रणाली’ का पालन करते हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि लेबल निर्णायक सबूत नहीं हैं, लेकिन अंग्रेजी भाषा के शब्द ईरान द्वारा अपने ड्रोन को चिह्नित करने के तरीके के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि यह संभावना अधिक है कि ईरान ने इसे युद्ध में परीक्षण के लिए रूस को बेचा हो।

मॉस्को ईरानी मॉडल पर आधारित अपने ‘शाहेद’ ड्रोन मध्य रूस में एक अत्यधिक सुरक्षित कारखाने में बनाता है। तातारस्तान क्षेत्र में अलाबुगा संयंत्र ने 2022 में पहली बार ईरानी ड्रोन की खेप ली थी जब रूस और ईरान ने 1.7 अरब डॉलर का सौदा किया। बाद में रूस ने अपनी खुद की उत्पादन इकाइयां स्थापित कीं, जिनमें हजारों ड्रोन बनाए जाते हैं।

अलाबुगा के लीक दस्तावेजों के अनुसार, रूस ने 2022 में ईरान से सीधे ड्रोन खरीदने शुरू किए थे। ब्रेस्क्रेस्तनोव ने कहा कि यूक्रेन में हाल में मिले ड्रोन में लगे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण भी काफी महंगे है। इस ड्रोन की एआई कम्प्यूंिटग प्रणाली संचार बाधित होने पर इसे स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।

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