संभल हिंसा: सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क से एसआईटी ने पूछताछ की

संभल. समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क से मंगलवार को संभल में पिछले साल एक मस्जिद के अदालती आदेश पर किए गए सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के संबंध में पूछताछ की गई. संभल के सांसद पूर्वाह्न करीब साढ.े ग्यारह बजे 10 से अधिक वकीलों के साथ नखासा थाने पहुंचे और मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया.

सपा सांसद करीब तीन घंटे तक थाने में रहे, जिस दौरान उनसे पिछले साल 24 नवंबर को कोट गर्वी इलाके में हुई हिंसा के बारे में सवाल पूछे गए. मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. संभल के असमोली के पुलिस क्षेत्राधिकारी और एसआईटी प्रभारी कुलदीप सिंह ने पत्रकारों को बताया,” आज उनका बयान दर्ज होना था, उसी क्रम में उन्हें बुलाया गया. उनका बयान एसआईटी द्वारा दर्ज किया गया है और उसमें जांच के जितने भी बिंदु थे उन सभी पर पूछताछ की गई है. हमारी जांच लगातार चल रही हैं .

सिंह ने कहा, “सांसद को आज निर्धारित प्रक्रिया के तहत बुलाया गया था. एसआईटी ने उनका बयान दर्ज किया है और पूछताछ के दौरान मामले से जुड़े सभी प्रासंगिक बिंदुओं को कवर किया गया है.” उन्होंने कहा, “इस मामले में कई महत्वपूर्ण पहलू हैं और सभी आवश्यक बिंदुओं पर पूछताछ की गई है. जांच जारी है और ये सभी कार्यवाही व्यापक जांच का हिस्सा हैं.” सिंह ने कहा कि अगर एसआईटी को किसी मामले में और स्पष्टीकरण की आवश्यकता महसूस होती है तो व्यक्तियों को फिर से बुलाया जा सकता है.

उन्होंने कहा, “अगर किसी भी स्तर पर हमें लगता है कि कुछ पहलुओं को और अधिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है या हम किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो हम संबंधित व्यक्ति को आगे की पूछताछ के लिए बुला सकते हैं.” जितने भी जरूरी बिंदु थे उन सभी पर पूछताछ की गई है थाने से बाहर आने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बर्क ने कहा, ह्लउच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक मैं जांच में सहयोग करने आया हूं. मुझसे जो भी पूछा गया, मैंने उन्हें बता दिया.” जब उनसे पूछा गया कि एसआईटी ने उनसे क्या सवाल किये, तो सांसद ने कहा, ह्लयह जांच का हिस्सा है और मैं उन्हें साझा नहीं कर सकता.” थाने जाने से पहले उन्होंने दीपा सराय स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत की.

बर्क ने कहा, “मैं पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हूं. एक जिम्मेदार नागरिक और सांसद होने के नाते मुझे कानून, संविधान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. स्वास्थ्य ठीक न होने और डॉक्टरों की आराम करने की सलाह के बावजूद मैं आज यह सुनिश्चित करने आया हूं कि कोई भी पुलिस अधिकारी या मीडियाकर्मी यह महसूस न करे कि मैं जांच से बच रहा हूं.”

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