धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र पर हो रहा है हमला, लोकसभा चुनाव भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण: डी राजा

नयी दिल्ली. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव भारत के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र पर हमला हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पराजित किया जाना जरूरी है.

राजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में इस सुझाव को खारिज कर दिया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आगामी आम चुनाव पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा की भगवान राम के बारे में समझ लोगों की समझ से अलग है.
उन्होंने भाजपा के ‘मोदी की गारंटी’ नारे को भी खारिज कर दिया और इसे चुनावी लाभ पाने के लिए एक नारा और ”जुमला” करार दिया. राजा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं को नौकरियां देने, कालाधन वापस लाने और महंगाई से निपटने के अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं.

उन्होंने कहा, ”2024 का लोकसभा चुनाव देश और उसके भविष्य के लिए बहुत बहुत महत्वपूर्ण हैं. पिछले 10 वर्ष में हमने जो देखा वह एक विनाशकारी शासन रहा है… मोदी ने ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ का दावा किया था, लेकिन शासन न्यूनतम, यहां तक ??कि शून्य से भी कम हो गया है.” भाकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र ख.तरे में है और संसद निरर्थक होती जा रही है.
उन्होंने कहा कि पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान 140 से अधिक सांसदों को संसद से निलंबित कर देना ‘अभूतपूर्व’ था.

उन्होंने कहा कि इस चुनाव का बुनियादी मकसद यह है कि ”भारतीय लोकतंत्र और संविधान को बचाने” के लिए भाजपा को पराजित किया जाए. राजा का कहना था, ”इस तरह हम इस चुनाव को देखते हैं. यह चुनाव इस देश और इसके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हमें उम्मीद है कि लोग देश, संविधान, लोकतंत्र को बचाने के लिए मतदान करेंगे और भाजपा को सत्ता से हटा देंगे.” भाकपा नेता ने बाबासाहेब बीआर आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि संसद देश के लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था है.

उन्होंने कहा, ”संसद लोगों की संप्रभु इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है. वास्तव में संसद विपक्ष की है, क्योंकि विपक्ष को सरकार और उसकी नीतियों पर सवाल उठाना होता है.” राजा के मुताबिक, ”अगर संसद का कोई मतलब नहीं रह जाता, तो लोकतंत्र खत्म हो जाता है. आज हम भारत में यही देख रहे हैं कि धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र पर हमला हो रहा है.”

उन्होंने आरोप लगाया, ”भाजपा-आरएसएस गठबंधन संविधान को ही नष्ट कर रहा है. वे भारतीय राष्ट्र को फिर से परिभाषित करने, भारतीय इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में भारत को कैसे बचाया जाए, संविधान, लोकतंत्र, समाज के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ढांचे को कैसे बचाया जाए, शासन की संघीय प्रणाली को कैसे सुरक्षित रखा जाए?” राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संदर्भ में राजा ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि इसका (चुनाव पर) कोई असर होने वाला है. लेकिन भाजपा चाहती है कि इसका इस्तेमाल अपने चुनावी फायदे के लिए किया जाए. लेकिन लोग इससे परिचित हैं. भगवान राम के बारे में भाजपा की समझ जनता की समझ से अलग है.’ उनका कहना था कि ”राम राज्य” का मतलब सभी के लिए समानता होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ”वे राम या राम मंदिर, अयोध्या के नाम पर लोगों को लुभा नहीं सकते… ‘राम राज्य’ का क्या मतलब है? ‘राम राज्य’ का मतलब है कि सभी समान होने चाहिए… कोई भेदभाव नहीं, कोई असमानता नहीं, कोई अन्याय नहीं. क्या भाजपा-आरएसएस संयुक्त रूप से इस पर सहमत है, यही लोग पूछ रहे हैं.” राजा ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई सभी एक साथ रहते हैं और लोगों के बीच कोई दुश्मनी या वैमनस्य नहीं है.

उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर लोगों को धर्म के नाम पर विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और दावा किया कि वे देश और राज्य पर धर्म को थोपने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”यह वास्तव में अस्वीकार्य है. हमारे पास एक संविधान है और संविधान इसे बहुत स्पष्ट करता है. भारतीय राष्ट्र को एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बने रहना चाहिए.”

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