वरिष्ठ जनजातीय नेता अरविंद नेताम ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा

रायपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ जनजातीय नेता अरविंद नेताम ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. नेताम ने पार्टी पर जनजातीय समुदाय के नेताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. नेताम के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नेताम बहुत पहले से पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे.

कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद नेताम ने आरोप लगाया कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने जनजातियों को पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम (पेसा) को लागू करने का बार-बार आश्वासन दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने पेसा कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं.

वरिष्ठ जनजातीय नेता ने कहा, ”मैंने काफी सोच-विचार करने के बाद विश्व जनजातीय दिवस नौ अगस्त को अपना इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उसी दिन राज्य सरकार ने पेसा अधिनियम को समाप्त कर दिया है – जो समुदाय (जनजातीय) को ‘जल जंगल जमीन’ का अधिकार देता है. ये इस्तीफा एक तरह का विरोध है. कई अन्य कारण भी हैं.” अरविंद नेताम के नेतृत्व में सर्व जनजातीय समाज ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीट में से 50 सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

नेताम ने कहा कि हम सीधे तौर पर 30 विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे, लेकिन उन 20 सीट पर भी लड़ेंगे जहां जनजातीय लोगों का जनादेश पर बड़ा प्रभाव है. उन्होंने कहा कि इन 20 सीट पर उनकी पार्टी अन्य समुदायों के उम्मीदवारों का भी स्वागत करेगी.

चुनावी गठबंधन को लेकर नेताम ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ बात कर रहे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा स्थापित क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है.

उन्होंने आप (आम आदमी पार्टी) के साथ गठबंधन करने से भी इनकार किया. जब उनसे पूछा गया कि भाजपा नेता अनुमान लगा रहे हैं कि उनकी पार्टी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाएगी, तो उन्होंने कहा कि सर्व जनजातीय समाज किसी भी राजनीतिक दल के लाभ के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा है.

नेताम ने कहा, ”हम अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं जो खतरे में है. जनजातीय क्षेत्रों में संसाधनों की जो लूट शुरू हो चुकी है, हमें इसके बारे में समुदाय (जनजातीय) को जागरूक करना होगा.” उन्होंने कहा कि संसाधनों की लूट शुरू हो गई है. 1996 में पेसा कानून बहुत सोच समझ कर बनाया गया था कि लुटेरों को रोका जा सके. लेकिन राज्य में उसको भी खत्म कर दिया गया, जो बहुत चिंता का विषय है.

उन्होंने कहा कि चुनाव होगा तब सरकार से पूछेंगे कि पेसा को किसके इशारे पर खत्म किया गया, अडाणी-अंबानी या हाईकमान के निर्देश पर. नेताम ने कहा, ”पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ (2018 राज्य विधानसभा चुनाव) में विभिन्न राजनीतिक रैलियों में कहा था कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है तो पेसा कानून लागू किया जाएगा. उनके आश्वासन के बाद उनकी सरकार ने पेसा कानून की धज्जियां उड़ा दीं.” उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आते हैं और उनसे मिलते हैं तो वह उनसे इसके बारे में पूछेंगे.

वरिष्ठ जनजातीय नेता नेताम के पार्टी छोड़ने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नेताम पहले से ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. बघेल ने कहा, ”उन्होंने बहुत देर कर दी. उन्होंने भानुप्रतापपुर चुनाव (उपचुनाव) में उम्मीदवार खड़ा किया था. लगातार पार्टी के खिलाफ काम करते रहे.”

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