सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद से बंद साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज कड़ी सुरक्षा के बीच दोबारा खुला

कोलकाता. परिसर में प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद, 11 दिनों तक बंद रहने के उपरांत साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज सोमवार को भारी सुरक्षा के बीच दोबारा खुल गया. उप-प्राचार्य नयना चटर्जी ने कहा कि केवल प्रथम सेमेस्टर के बीए एलएलबी के छात्र, जिन्होंने अभी तक अपने परीक्षा फॉर्म नहीं भरे हैं, उन्हें औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कॉलेज फिर से खुलने के बाद पहले दिन आने के लिए कहा गया है.

कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कॉलेज परिसर में सुरक्षा की निगरानी कर रहे थे, जबकि निजी सुरक्षा गार्ड अंदर जाने वाले छात्रों के पहचान पत्र की पूरी तरह जांच कर रहे थे. सुबह 10 बजे गेट खुलने पर करीब 100 छात्र पहुंचे, जिनमें से कई अपने अभिभावकों के साथ आए थे. कॉलेज द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अपराह्न 2 बजे के बाद किसी भी छात्र को परिसर में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि परिसर में मौजूद सभी शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी अंतिम छात्र के जाने के बाद ही कॉलेज परिसर छोड़ पाएंगे. निर्धारित समय पर गेट बंद होने के बाद सभी शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी कॉलेज से चले गए. एक शिक्षक ने बताया कि पहले कॉलेज सामान्य कार्य दिवसों पर शाम 4 बजे तक खुला रहता था.

उन्होंने कहा, “25 जून को हुई घटना के मद्देनजर आज से यह अपराह्न 2 बजे तक खुला रहेगा. हमने बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा जैसे बदमाशों को परिसर में प्रवेश नहीं देने का सचेत निर्णय लिया है. बाहरी लोगों के प्रवेश को नियंत्रित किया जाएगा.” कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के दक्षिणी भाग में कसबा में स्थित इस महाविद्यालय को खोलने का फैसला कोलकाता पुलिस से अनुमति मिलने के बाद लिया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने जांच के लिए कॉलेज के छात्र संघ कक्ष और सुरक्षा गार्ड के कक्ष को सील कर दिया है और अब भी छात्रों और कर्मचारियों के लिए वहां प्रवेश र्विजत है.

उन्होंने बताया कि छात्रों को 8 जुलाई से अपनी सामान्य कक्षा समय सारिणी का पालन करने के लिए कहा गया है. संस्थान के संचालन निकाय के सदस्य हरिपद बनिक ने कहा, “हमें उम्मीद है कि परिसर में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी.” हालांकि, कॉलेज आए अभिभावकों ने अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं. प्रथम सेमेस्टर के एक छात्र के पिता शशांक धारा ने कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक हर परीक्षा के दिन वह अपने बेटे के साथ आएंगे.

उन्होंने कहा, “हम अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.” अपनी बेटी के साथ परिसर में आए एक अन्य अभिभावक ने कहा कि पुलिस और कॉलेज अधिकारियों से मिले आश्वासन उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. उन्होंने कहा, “जब गार्ड और प्रबंधन खुद ही खतरे में हैं, तो मैं परिसर में अपनी बेटी की सुरक्षा पर कैसे भरोसा कर सकता हूं?” उन्होंने कहा, “मैं यह मानने से इनकार करता हूं कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं को परिसर में हो रही आपराधिक गतिविधियों की जानकारी नहीं थी, जिसमें छात्र संघ कक्ष का घोर दुरुपयोग भी शामिल है. इन बदमाशों को अपने नेताओं का आशीर्वाद और प्रोत्साहन मिलता रहा, अन्यथा वे बेखौफ होकर इस तरह की हरकतें नहीं कर सकते थे.”

तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़े महाविद्यालय के एक पूर्व छात्र-सह-अस्थायी कर्मचारी और दो वर्तमान छात्रों (पीड़िता से वरिष्ठ) ने कॉलेज की एक प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ 25 जून की शाम को कथित तौर पर बलात्कार किया. इस घटना के सिलसिले में तीनों आरोपियों के अलावा एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है. बलात्कार की घटना के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए 29 जून को कॉलेज बंद कर दिया गया था.

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