प्रधान न्यायाधीश पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवादों में घिरे सपा महासचिव राम गोपाल

मैनपुरी. समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करके विवादों में घिर गए हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

सपा नेता की टिप्पणी का एक वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हंगामा मच गया. हालांकि, राम गोपाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी प्रधान न्यायाधीश को लक्ष्य करके नहीं की गई थी और उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की. राम गोपाल की विवादास्पद टिप्पणी कथित तौर पर मीडिया की ओर से पूछे गए उस सवाल के जवाब में आई जिसके तहत उनसे पुणे में दिये गए चंद्रचूड़ के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी.

चंद्रचूड़ ने बयान दिया था कि उन्होंने अयोध्या विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी और कहा था कि अगर कोई आस्था पर कायम रहता है तो भगवान रास्ता ढूंढ़ ही लेते हैं. सवाल का जवाब देते हुए राम गोपाल ने कहा, ”मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. जब आप मृतकों को जीवित करते हैं, तो वे भूत बन जाते हैं और आपके पीछे पड़ जाते हैं.” इसी संदर्भ में मीडिया के एक अन्य प्रश्न पर यादव को एक अपशब्द का उपयोग करते हुए और यह पूछते हुए सुना गया कि उन्हें ‘ऐसे सभी लोगों पर संज्ञान’ क्यों लेना चाहिए.

टिप्पणी पर विवाद के बीच, यादव ने स्पष्ट किया कि उनसे प्रधान न्यायाधीश या न्यायपालिका से संबंधित कोई प्रश्न नहीं पूछा गया था और उन्होंने इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा. उन्होंने ‘एक्स’ पर हिंदी में किए गए एक पोस्ट में कहा,””मैंने जिलाधिकारी और मैनपुरी के पुलिस अधीक्षक से (मामले की) जांच करने को कहा है.”

राम गोपाल ने कहा, ”आज समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज प्रताप सिंह ने करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. मैं भी मैनपुरी में था. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सैकड़ों लोग थे. उनमें से ज्यादातर करहल, मिल्कीपुर और बहराइच के बारे में पूछ रहे थे.” उन्होंने कहा कि कुछ शरारती लोगों ने बहराइच के बारे में कुछ लोगों के अप्रासंगिक बयान पर मेरे जवाब पर एक काल्पनिक सवाल बनाया और उसमें प्रधान न्यायाधीश का नाम जोड़ दिया.

राम गोपाल ने कहा कि उनसे प्रधान न्यायाधीश और न्यायपालिका से जुड़ा कोई सवाल नहीं पूछा गया और न ही उन्होंने इस संबंध में कुछ कहा है. उप्र भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “राम गोपाल की टिप्पणी न्यायपालिका की अवमानना है और समाजवादी पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. वह एक प्रोफेसर के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनकी हरकतें एक शरारती बच्चे जैसी हैं.” दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में यादव की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि विपक्षी ‘इंडिया’ गुट के नेताओं को प्रार्थना करना पसंद नहीं है और उम्मीद है कि भगवान उन्हें सदबुद्धि देंगे.

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राम गोपाल यादव पर अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ”500 साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने की पीड़ा तथाकथित धर्मनिरपेक्षवादियों के लिए असहनीय है.” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, डिंपल यादव और राम गोपाल समेत वरिष्ठ नेता सोमवार को करहल विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए तेज प्रताप यादव के नामांकन के लिए मैनपुरी में थे, जहां 13 नवंबर को मतदान होना है.

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