चुनाव आयोग का काम अपने हाथ में नहीं ले सकता सुप्रीम कोर्ट, इमरान खान की पार्टी पर सीजेपी का बड़ा बयान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग का काम अपने हाथ में नहीं ले सकता। अदालत चुनाव आयोग की ओर पेशावर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

हाई कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का चुनाव चिह्न बल्ला उसे वापस करे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वकील हामिद खान की दलीलों का जवाब देते हुए मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि एक संवैधानिक और वैधानिक निकाय के कार्यों के बीच सीमांकन की स्पष्ट रेखा है। अगर वे अपना काम कर रहे हैं, तो हम उनका काम हाथ में नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है।

इसके दो कार्य हैं। एक राजनीतिक दलों के मामलों को विनियमित करना, जो एक सतत प्रक्रिया है और दूसरा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना। दरअसल, 22 दिसंबर को चुनाव आयोग ने पीटीआई का चुनाव चिह्न निरस्त कर दिया था। फैसले के विरुद्ध पार्टी 26 दिसंबर को पेशावर हाई कोर्ट चली गई थी।

पेशावर हाई कोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत देते हुए चुनाव आयोग को पार्टी का चुनाव चिह्न बल्ला उसे वापस करने का आदेश दिया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश इजाज उल अहसान ने त्यागपत्र दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने स्वीकार कर लिया है। वह शीर्ष अदालत में तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे।

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