सरकार ने सेवा, सुशासन, समृद्धि और स्वाभिमान को अपने शासन के केंद्र में रखा है: मुर्मू

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि विकसित भारत की उड़ान को संविधान के आदर्शों का सतत मार्गदर्शन मिलता रहे, इसके लिए सरकार ने सेवा, सुशासन, समृद्धि और स्वाभिमान, इन प्रमुख सिद्धांतों को शासन के केंद्र में रखा है। संसद के दोनों सदनों की बैठक में अपने अभिभाषण में मुर्मू ने कहा, ‘‘सरकार ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के अपने संकल्प को तेज गति से आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रगति की भव्य इमारत को नई बुलंदियों तक ले जाने के लिए मजबूत स्तंभों की जरूरत होती है और भारत के विकास के लिए सरकार ने ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के ऐसे ही तीन मजबूत स्तंभ बनाए हैं।
मुर्मू ने कहा, ‘‘आज ये शब्द पूरी दुनिया में भारत के नए सुशासन मॉडल का पर्याय बन गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने देश के अत्यन्त पिछड़े इलाकों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम प्रारम्भ कर सुशासन का एक अनूठा प्रयोग किया है।

इस कार्यक्रम से इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, सामाजिक विकास और शिक्षा जैसे विभिन्न मापदंडों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘यूएनडीपी की एक रिपोर्ट में इस पहल की बहुत सराहना की गई है। इस सफलता से प्रेरित होकर अब देश के पांच सौ आकांक्षी ब्लॉक में भी समग्र विकास हेतु अभियान प्रारम्भ किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि सुशासन पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘आई-जीओटी’ कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया है जिससे सरकारी र्किमयों को अपनी दक्षता बढ़ाकर कर्मयोगी बनने का प्रोत्साहन मिल रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर सत्रह सौ पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं और अब तक दो करोड़ से अधिक प्रशिक्षण पूर्ण किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का मंत्र है – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। और इस मंत्र का एक ही लक्ष्य है – विकसित भारत का निर्माण।’’

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