ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है: मौर्य

परिसर में शिवलिंग मंदिर के अस्तित्व का प्रमाण, सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए: विहिप

लखनऊ/प्रयागराज/नयी दिल्ली. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के दावे के बीच सोमवार को कहा कि ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि ‘सत्य ही शिव’ है.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को, जहां एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, स्थानीय अदालत ने सील करने का आदेश दिया है.

इस घटनाक्रम के बाद मौर्य ने ट्वीट, ‘‘सत्य को आप कितना भी छुपा लीजिए, लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि ”सत्य ही शिव” है. बाबा ही जय, हर हर महादेव.” उप मुख्यमंत्री ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘ बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है.”

परिसर में शिवलिंग मंदिर के अस्तित्व का प्रमाण, सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए: विहिप

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले में एक पक्ष द्वारा परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा करने के कुछ घंटों बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को इसे वहां मंदिर के अस्तित्व का सबूत करार दिया और आशा व्यक्त की कि इससे ‘‘स्पष्ट परिणाम’’ सामने आएंगे. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि जो लोग ‘‘सच छिपाने’’ की कोशिश कर रहे थे उनके चेहरे मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ की तलाश के साथ ‘‘काले रंग से रंग’’ गए हैं.

विहिप की प्रतिक्रिया के पहले ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी पूजास्थल मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने दावा किया कि वाराणसी में मस्जिद परिसर में अदालत द्वारा कराए गए वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग का पता चला. इसके बाद, एक स्थानीय अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक स्थान को सील करने का निर्देश दिया.

एक वीडियो संदेश में विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘‘शिवलिंग’’ का अस्तित्व इसकी पुष्टि करता है कि वहां एक मंदिर था और आशा व्यक्त की कि देश में ‘‘हर कोई’’ इस प्रमाण को ‘‘स्वीकार करेगा’ तथा इसका सम्मान करेगा.

विहिप नेता ने कहा, ‘‘यह बहुत अच्छी खबर है. शिवलिंग दोनों पक्षों और उनके वकीलों की मौजूदगी में मिला है. शिवलिंग की खोज अपने आप में प्रमाण है. यह सिद्ध हो चुका है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, वह आज भी मंदिर है और 1947 में भी मंदिर था.’’ हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने दावा किया कि एक ‘शिवलिंग’ मिला है जबकि मस्जिद प्रबंधन समिति के एक प्रवक्ता ने दावे का खंडन करते हुए एक टेलीविजन चैनल को बताया कि यह वस्तु एक ‘‘फव्वारे’’ का हिस्सा थी.

आलोक कुमार ने कहा कि विहिप इस मामले में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तक अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहती थी. उन्होंने कहा, ‘‘अब बदली हुई परिस्थितियों में हम इस मामले को अपने केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संत बिरादरी के सामने रखेंगे.’’ कुमार ने कहा कि बैठक 11 और 12 जून को हरिद्वार में होगी. अदालत का फैसला आने के बाद, विहिप अपनी अगली कार्रवाई का फैसला करेगी. साथ ही, उन्होंने कहा कि इस मामले पर आगे कोई टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं होगा क्योंकि यह अदालत के विचाराधीन है.

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