कांग्रेस में मंत्रणा का दौर जारी, जल्द हो सकता है प्रशांत किशोर पर फैसला

नयी दिल्ली. अगले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में नयी जान फूंकने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा पेश की गई रणनीति पर पार्टी के भीतर गहन मंत्रणा जारी है और इसी क्रम में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी के आवास पर बैठक की.
सूत्रों के अनुसार, पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, पी चिदंबरम, के सी वेणुगोपाल और कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर बैठक कर प्रशांत किशोर द्वारा दिये गये सुझावों पर गहन मंथन किया.

सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों के भीतर इस बारे में फैसला हो सकता है कि किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे या नहीं और अगर शामिल होते हैं तो पार्टी में उनकी क्या भूमिका होगी. सूत्रों ने यह भी बताया कि चुनावी रणनीतिकार किशोर शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति भी दे सकते हैं.

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि किशोर पार्टी में बिना शर्त शामिल होना चाहते हैं और उनके आने से कांग्रेस को मदद मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर के विषय पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कोई भी फैसला करने से पहले पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेना चाहती हैं.

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी बृहस्पतिवार शाम सोनिया गांधी से मुलाकात की, हालांकि उनकी बातचीत का मुख्य केंद्रंिबदु राजस्थान रहा. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के विषय पर विचार करने के लिए समिति बनी है, जो उस पर मंथन कर रही है. भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने भी कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह अपने एक विषय को लेकर सोनिया गांधी के पास गए थे और इस मुलाकात का प्रशांत किशोर से कोई संबंध नहीं है.

किशोर के विषय पर बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ विस्तृत चर्चा की गई थी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा था कि किशोर के सुझावों पर मंत्रणा का दौर अगले 48 से 72 घंटे में संपन्न हो जाएगा.

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर शनिवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के समक्ष पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई थी और अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति का खाका पेश किया था.   सूत्रों ने बताया कि किशोर ने सुझाव दिया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे कुछ राज्यों में कांग्रेस को नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी चाहिए और इन प्रदेशों में गठबंधन से परहेज करना चाहिए. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अपनी प्रस्तुति में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि कांग्रेस को लगभग 370 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहिए.

 

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