केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की चुप्पी से लगता है कि विदेश नीति अब संप्रभु नहीं रही: वेणुगोपाल

बेंगलुरु. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव में मध्यस्थता के अमेरिकी दावे पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथित चुप्पी पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि उनकी चुप्पी से यह आभास होता है कि देश की विदेश नीति अब संप्रभु नहीं रही, बल्कि यह वाशिंगटन से तय हो रही है. यहां कांग्रेस की ‘जय हिंद सभा’ ??में बोलते हुए उन्होंने दावा किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेश मामलों की सलाहकार समिति की हाल की बैठक में इस संबंध में सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
वेणुगोपाल ने पूछा, ”संघर्ष विराम अच्छा हुआ. हम कोई युद्ध नहीं चाहते. हम युद्ध के पक्षधर नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी हमेशा शांति के पक्ष में है. सरकार ने राष्ट्र को कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण दिए बिना पाकिस्तान के खिलाफ अपने जवाबी अभियान को अचानक क्यों रोक दिया? यह यू-टर्न अचानक क्यों हुआ? इस संघर्ष विराम की शर्तें क्या थीं?” सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ”सरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस चौंकाने वाले दावे पर पूरी तरह से चुप क्यों है कि उन्होंने व्यापार का इस्तेमाल करके भारत पर संघर्ष विराम के लिए दबाव डाला? क्या भारत की विदेश नीति अब विदेशी ताकतों द्वारा तय की जा रही है? हमें प्रधानमंत्री मोदी या विदेश मंत्री जयशंकर से प्रतिक्रिया की उम्मीद थी. चुप्पी से यह आभास होता है कि विदेश नीति अब संप्रभु नहीं रही; यह दिल्ली से नहीं, बल्कि वाशिंगटन से तय हो रही है.” वेणुगोपाल ने कहा, ”सोमवार को जब विदेश मामलों की सलाहकार समिति की बैठक हुई तो हमने मंत्री से कई सवाल पूछे. मैं इस सार्वजनिक मंच पर सवालों का ब्योरा नहीं देना चाहता, लेकिन हमें मंत्री से संतोषजनक जवाब नहीं मिला. देश को संतोषजनक जवाब चाहिए.”
अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री द्वारा संघर्ष विराम का श्रेय लेने संबंधी सोशल मीडिया पोस्ट, अमेरिकी उपराष्ट्रपति द्वारा भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की तुलना करने तथा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने की अमेरिका की इच्छा के दावे का हवाला देते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि भारत ने कश्मीर मुद्दे में कभी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी है.
उन्होंने कहा, ”क्या यह (दावा) सच है, सरकार को देश के सामने स्पष्ट करना चाहिए. अमेरिका द्वारा बार-बार ऐसा कहने का क्या इरादा है? देश को जवाब चाहिए.” कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्षी दलों ने संसद सत्र बुलाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को यह दिखाने के लिए कि भारतीय संसद एकजुट है, भारत एकजुट है और भारतीय संसद भारत सरकार और सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ी है, लेकिन दुर्भाग्य से संसद सत्र नहीं बुलाया गया. उन्होंने कहा, ”फिर भी हम उम्मीद कर रहे हैं कि संसद सत्र आहूत किया जाएगा.” वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस ने मुंबई आतंकी हमले के बाद अन्य राजनीतिक दलों की तरह किसी भी तरह की दलगत राजनीति नहीं की, लेकिन कुछ सवाल सार्वजनिक तौर पर हैं, जिन्हें भारत सरकार को स्पष्ट करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ”पहलगाम घटना के दौरान खुफिया विफलता क्यों हुई? कल हमें चौंकाने वाली जानकारी मिली कि एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने पहलगाम से सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के एक जवान को गिरफ्तार किया, जिसने कथित तौर पर पाकिस्तान को सूचना लीक की थी.” वेणुगोपाल ने सवाल उठाया कि खुफिया विफलता क्यों हुई और क्या सरकार इसकी जांच कर रही है और क्या कोई जिम्मेदारी तय करेगी. उन्होंने कहा कि 26 परिवार न्याय के हकदार हैं और इन सवालों के जवाब दिए जाने की जरूरत है. उन्होंने पूछा, ”छब्बीस लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं. आतंकवादी कहां हैं? क्या सरकार को कोई जानकारी है?”