नेपाल के प्रति भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं आया: भारतीय राजदूत
काठमांडू. नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के बीच गठबंधन खत्म होने को ”आंतरिक मामला” बताते हुए भारत ने नेपाल को आश्वासन दिया है कि नयी सरकार के गठन के बाद भी नेपाल के प्रति उसकी नीति नहीं बदलेगी. मीडिया की खबरों से यह जानकारी मिली.
खबरों में कहा गया है कि नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने बृहस्पतिवार को उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ और वित्त मंत्री वर्षामान पुन से मुलाकात की और नेपाल में नवीनतम राजनीतिक घटनाक्रम पर भारत के रुख से अवगत कराया.
भारतीय दूतावास के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि भारतीय राजदूत ने विदेश मंत्री श्रेष्ठ और वित्त मंत्री पुन से उनके संबंधित कार्यालयों में अलग-अलग मुलाकात की.
मीडिया की खबरों में कहा गया है कि वित्त मंत्री पुन के साथ बैठक के दौरान, श्रीवास्तव ने कहा कि ”नेपाल में सत्ता समीकरण में बदलाव देश का आंतरिक मामला है.” खबर में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली और श्रीवास्तव उनसे मिलने और बधाई देने वाले पहले विदेशी राजनयिक हैं.
श्रीवास्तव ने दोनों मंत्रियों को बताया कि नेपाल के प्रति भारत की नीति एक समान बनी हुई है और वह नेपाल में राजनीतिक बदलावों को उसका ”आंतरिक मामला” मानता है. भारत के नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) का गठबंधन टूटने तथा सीपीएन-यूएमएल और माओवादी केंद्र के बीच नए गठबंधन से खुश नहीं होने की अटकलों के बीच राजदूत ने यह आश्वासन दिया.
श्रेष्ठ के साथ बैठक के दौरान, राजदूत ने द्विपक्षीय और पारस्परिक हित के विभिन्न मामलों, दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने तथा भारत की सहायता से नेपाल में जारी विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने सहित अन्य विषयों पर चर्चा की.
श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के साथ भारत का सहयोग संतोषजनक रहा और उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में भी ऐसा ही जारी रहेगा. नेपाल के प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ ने नेपाली कांग्रेस का साथ छोड़कर सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली दूसरी सबसे बड़ी पार्टी-नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ एक नया गठबंधन बनाया.