फरार शाहजहां शेख को बचा नहीं रही है टीएमसी: अभिषेक बनर्जी

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अपने फरार नेता शाहजहां शेख को बचा नहीं रही है, जिस पर पश्चिम बंगाल के अशांत संदेशखाली में ग्रामीणों ने “यौन शोषण और जमीन हड़पने” का आरोप लगाया है.

बनर्जी ने यह भी दावा किया कि कुछ बाहरी लोग लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्र में अशांति फैला रहे हैं और गड़बड़ी उत्पन्न कर रहे हैं.
उन्होंने बज बज में एक कार्यक्रम में कहा, ”टीएमसी शाहजहां शेख को बचा नहीं रही है… अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ हमारी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है.” राज्य में विपक्षी दलों ने सत्तारूढ. तृणमूल कांग्रेस पर शेख को बचाने का आरोप लगाया है.

उत्तर 24 परगना जिले के नदी तटीय संदेशखाली क्षेत्र में एक महीने से अधिक समय से स्थानीय टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों के खिलाफ जमीन हड़पने और स्थानीय लोगों के यौन शोषण के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शनों हो रहे हैं.
गत पांच जनवरी को संदेशखाली में शेख के आवास पर छापेमारी के लिए गई ईडी टीम पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था. शेख तब से फरार है.

टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने किया संदेशखाली का दौरा, शिकायतों के निवारण के लिए मांगा समय

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को लगातार दूसरे दिन पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का दौरा किया और उन ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं जो पार्टी के स्थानीय नेताओं के कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस की सदस्यता वाले प्रतिनिधिमंडल ने बरमाजुर क्षेत्र का दौरा किया, जहां हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था. प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय लोगों से उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए डेढ़ महीने का समय मांगा.

राज्य के मंत्रियों ने संदेशखाली में ग्रामीणों से अपनी मांगें पेश करने का आग्रह भी किया. भौमिक और बोस ने राधा कृष्ण मंदिर में ‘कीर्तन’ में भाग लिया और वहां सभा को संबोधित किया. राज्य के सिंचाई मंत्री भौमिक ने कहा, “हमें डेढ़ महीने का समय दीजिए. हमने वादा किया है कि जमीन हड़पने की जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं, उनका सत्यापन किया जाएगा. हम सभी समस्याओं का समाधान एक बार में नहीं कर सकते. मुद्दों के समाधान के लिए, आधिकारिक प्रक्रियाएं हैं जिन्हें पूरा करने के लिए समय की आवश्यकता होती है.”

संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इस मामले में ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बीच सत्तारूढ़ दल के नेताओं का संदेशखाली का यह चौथा दौरा है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर पांच जनवरी को भीड़ ने उस समय हमला किया था जब उसने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शेख के आवास में प्रवेश करने की कोशिश की थी. हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे.

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तोड़फोड़ के आरोप में आईएसएफ की नेता गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल पुलिस ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेता शिवप्रसाद हाजरा की कुक्कुट फर्मों को जलाने में कथित संलिप्तता के लिए रविवार को इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) नेता आयशा बीबी को गिरफ्तार कर लिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने वहां तोड़फोड़ में कथित संलिप्तता के लिए कुछ ग्रामीणों को भी हिरासत में लिया.

पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हमें संदेशखाली में एक आंदोलन के दौरान एक संपत्ति को जलाने में उनकी संलिप्तता का पता चला है. उन्होंने कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ली है जिसकी अनुमति नहीं है. हम ऐसी संलिप्तता के लिए कानूनी प्रावधानों का पालन कर रहे हैं.” हालांकि अधिकारी ने हिरासत में लिए गए ग्रामीणों की संख्या नहीं बताई. कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुंदरबन की सीमा पर स्थित संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन शोषण के आरोपों में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. शाहजहां शेख फिलहाल फरार हैं.

संदेशखाली जा रहे स्वतंत्र तथ्यान्वेषी दल को पुलिस ने रोका

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार की कथित घटनाओं की जांच के लिए जा रही पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिंह रेड्डी के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी समिति के छह सदस्यों को पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने संदेशखाली के कुछ हिस्सों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए उनके काफिले को बसंती राजमार्ग पर भोजेरहाट क्षेत्र में रोक दिया, जो संदेशखाली से लगभग 52 किलोमीटर दूर है. रेड्डी, पूर्व आईपीएस अधिकारी राजपाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, वकील ओ पी व्यास एवं भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक सड़क के किनारे बैठ गए और आगे जाने पर अड़े रहे. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि छह लोगों को हिरासत में लेकर एक वाहन में ले जाया गया और बाद में रिहा कर दिया गया.

रेड्डी ने कहा, ”यह पूरी तरह से अवैध है. हमने पुलिसर्किमयों से कहा है कि कानून का पालन करने वाले नागरिक के नाते हम नियम नहीं तोड़ेंगे. संदेशखाली में कोई कफ्र्यू नहीं लगा है. इसलिए हम दो समूहों में जा सकते हैं. हमारी कम से कम दो महिला सदस्यों को उन महिलाओं से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए. जिन्हें राजनीतिक संरक्षण का लाभ ले रहे बाहुबलियों के अत्याचारों का खामियाजा भुगतना पड़ा है.”

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