PM मोदी पर ट्वीट, विधायक जिग्नेश मेवानी को हिरासत में, रिहाई को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन

अहमदाबाद/गुवाहाटी/कोकराझार. असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को राज्य के बनासकांठा जिले के पालनपुर शहर से बुधवार देर रात गिरफ्तार किया और बृहस्पतिवार तड़के अपने साथ असम ले गयी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

हालांकि, पुलिस ने मेवानी की गिरफ्तारी की वजह नहीं बतायी लेकिन दलित नेता के एक करीबी सहयोगी ने असम पुलिस का दस्तावेज साझा किया और दावा किया कि विधायक को महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे पर ट्वीट करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है. मेवानी की गिरफ्तारी से नाराज गुजरात में कांग्रेस के नेताओं ने शहर के सारंगपुर र्सिकल पर प्रदर्शन किया और उनकी रिहाई की मांग की.

बनासकांठा थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बुधवार देर रात पालनपुर र्सिकट हाउस से असम पुलिस ने मेवानी को हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें असम ले गई.’’ बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने असम पुलिस द्वारा मेवानी की गिरफ्तारी और पालनपुर पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें पूर्वोत्तर राज्य ले जाए जाने की पुष्टि की है.

मेवानी बनासकांठा के वडगाम (सु) सीट से 2017 में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए. हालांकि वह सैद्धांतिक रूप से कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन वह औपचारिक रूप से अभी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने पहले कहा था कि वह अगला चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे.

मेवानी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों से जुड़ी हुई है. यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई थी.

जाट ने कहा, ‘‘ असम पुलिस के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार, मेवानी के कुछ दिन पुराने एक ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, इस ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है.’’ उन्होंने बताया कि यह ट्वीट नाथूराम गोडसे के बारे में था. जाट के मुताबिक, मेवानी को पहले सड़क मार्ग से पालनपुर से अहमदाबाद लाया गया और फिर बृहस्पतिवार सुबह हवाई मार्ग से असम ले जाया गया.

भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के अलावा मेवानी के खिलाफ धारा 295ए (धार्मिक भावनाएं आहत करने के लक्ष्य से किया गया गलत व्यवहार) और 504 (शांति भंग करने की मंशा से किया गया कार्य) तथा आईटी कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
मेवानी के कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, असम पुलिस ने उन्हें पालनपुर र्सिकट हाउस से बुधवार रात साढ़े ग्यारह बजे (11:30) गिरफ्तार किया और अहमदाबाद हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार तड़के असम ले गए.

मेवानी की गिरफ्तारी के बारे में सूचना मिलने पर कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष जगदीश ठाकुर और अन्य पार्टी नेता सुबह करीब चार बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे और मेवानी के साथ एकजुटता दिखाई. मेवानी की गिरफ्तारी के खिलाफ सारंगपुर र्सिकल पर हुए प्रदर्शन में ठाकुर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सिद्धार्थ पटेल सहित अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए और भाजपा विरोधी नारे लगाए. शहर के पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान एक व्यस्त सड़क रोकने का प्रयास करने पर ठाकुर सहित कांग्रेस के करीब 20 नेताओं/कार्यकर्ताओं को कुछ देर के लिए एहतियातन हिरासत में लिया गया था.

हिमंत सरमा का दावा- उन्हें नहीं पता कि मेवानी कौन हैं?
गुजरात से गिरफ्तार किए गए विधायक जिग्नेश मेवानी को असम लाये जाने के कुछ ही घंटे बाद पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्हें नहीं पता कि मेवानी कौन हैं. हालांकि, असम की कांग्रेस इकाई को इस गिरफ्तारी के पीछे एक साजिश नजर आई और एक कथित ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किये गये दलित नेता की मदद के लिए कानूनी विशेषज्ञों को भेज दिया.

सरमा ने एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए दावा किया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि मेवानी कौन हैं. मेवानी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने को कहे जाने पर सरमा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता. वह कौन हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जानकारी नहीं है.’’

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