उद्धव ने रामायण के पात्र बाली का उल्लेख कर शिंदे पर साधा निशाना

नासिक. शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर परोक्ष तौर पर निशाना साधने के लिए मंगलवार को महाकाव्य रामायण के एक पात्र राजा बाली का उल्लेख किया और शिंदे पर पार्टी को चुराने का आरोप लगाया. ठाकरे ने नासिक शहर में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना के कार्यकर्ताओं से ”गद्दारों को राजनीतिक रूप से खत्म” करने का संकल्प लेने की अपील की.

उन्होंने कहा, ”हर किसी को यह समझना होगा कि भगवान राम ने वानर राजा बाली को क्यों मारा था. हमें आज के बाली को भी (राजनीतिक रूप से) खत्म करना होगा जिसने हमारी शिवसेना ले ली है. इस बाली को (राजनीतिक रूप से) समाप्त करने का संकल्प लें जिसने हमारी शिवसेना ले ली है.” ठाकरे ने कहा, ”हम निश्चित रूप से उन सभी का राजनीतिक रूप से खात्मा करेंगे जिन्होंने हमारी शिवसेना को चुरा लिया, भगवा ध्वज और उसके रक्षकों को धोखा दिया.”

ठाकरे ने कहा कि शिवसैनिक “भगवान राम का मुखौटा पहने हुए रावणों” के मुखौटे फाड़ देंगे. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भगवान राम किसी एक पार्टी की संपत्ति नहीं हैं. अगर आप ऐसा सोचते हैं तो हमें ‘भाजपा मुक्त श्रीराम’ बनाना होगा.” शिंदे पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि उन्हें पार्टी अपने पिता (दिवंगत बाल ठाकरे) से विरासत में मिली है. शिंदे के विद्रोह के कारण जून 2022 में शिवसेना में विभाजन हुआ था.

ठाकरे ने कहा, ”ये शिवसैनिक मेरी संपत्ति हैं. मुझे यह पार्टी और ये शिवसैनिक विरासत में मिले हैं. मैंने इन्हें चुराया नहीं है. कोई इसे वंशवाद कह सकता है.” उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पहले कार्यकाल (2014-19) के दौरान अयोध्या नहीं गए, जबकि उन्होंने विभिन्न देशों की यात्रा की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए शिवसेना ने सक्रिय रूप से प्रचार किया था लेकिन अब शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ”भगवान राम अपने वचन निभाने के लिए जाने जाते हैं जबकि आप वादे तोड़ते हैं. आप उन शिवसैनिकों को भूल गए जिन्होंने आपको इस पद तक पहुंचने में मदद की. राम की बात हो गई, अब काम की बात करो.” उन्होंने कहा, ”आप कांग्रेस से पूछते हैं कि उन्होंने पिछले 70 वर्षों में क्या किया है. हमें बताएं कि आपने पिछले 10 वर्षों में क्या किया है. अपने कार्यकाल के पहले पांच वर्षों में, प्रधानमंत्री दुनिया भर में घूमे. उनसे पूछें कि क्या उन्होंने पहले पांच साल में अयोध्या का एक बार भी दौरा किया था. हमने भी मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रचार किया था.”

शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये जाने का आरोप लगाते हुए ठाकरे ने कहा, “हम (सत्ता में आने के बाद) आपके खिलाफ भी जांच करेंगे और आपको जेल भेजेंगे.” उन्होंने ‘पीएम केयर्स फंड’ की जांच की मांग की और उसे ”घोटालों का स्रोत” बताया.

शिवसेना (यूबीटी) के कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आलोचना को खारिज करते हुए, ठाकरे ने कहा, “वे कहते हैं कि हम ‘कांग्रेसवासी’ बन गए है. भाजपा के साथ 30 साल बिताने के बाद भी हम ‘भाजपावासी’ नहीं बने. फिर हम ‘कांग्रेसवासी’ कैसे बन सकते हैं?” उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात पर भी बोलना चाहिए कि ”श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनायी थी.” उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया और वे अब ”(देश की) आजादी छीनने की कोशिश कर रहे हैं.”

शिवसेना ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को संभव बनाया: राउत

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के साथ उनकी पार्टी का रिश्ता सबसे पुराना और भावनात्मक रूप से गहरा रहा है और उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी नहीं होती तो अयोध्या में स्थित मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा संभव नहीं हो पाती.

राज्यसभा सदस्य ने यहां पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ह्लभगवान राम से हमारा बहुत पुराना नाता है. भगवान राम से शिवसेना का नाता बेहद भावनात्मक है. ये किसी व्यक्ति या किसी पार्टी का नहीं है. अगर भगवान राम से सबसे पुराना नाता किसी का है तो वो शिवसेना का है.” राउत ने दावा किया, ह्ल अगर शिवसेना नहीं होती तो भगवान राम (अयोध्या स्थित मंदिर में मूर्ति) की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो पाती. शिवसेना के ‘टाइगर्स’ (कार्यकर्ताओं) ने साहस दिखाया और इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर सके.ह्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को एक कार्यक्रम में अयोध्या मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई.

राम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान को लेकर शिव सेना (यूबीटी) और भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के बीच तीखी जुबानी जंग पिछले लंबे समय से जारी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने आंदोलन में योगदान को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य और राउत पर हमला किया है. दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) बाबरी मस्जिद को गिराने का श्रेय लेती है.

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