युद्ध की चिंताओं के बीच यूक्रेनी लोगों ने देश की ईयू की उम्मीदवारी पर खुशी जाहिर की

कीव. यूक्रेन को यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिए उम्मीदवार बनाने के फैसले ने युद्ध से जूझ रहे यूक्रेनी लोगों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही उनके दिलों में अधिक सुरक्षित भविष्य की उम्मीद की किरण पैदा की है. यह फैसला ऐसे समय आया है जब देश की सेना ने अपने लड़ाकों को पूर्वी डोनबास क्षेत्र के एक प्रमुख शहर से पीछे हटने का आदेश दिया.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं के फैसले को रूस की आक्रामकता के खिलाफ अपने देश की लड़ाई के लिए समर्थन के रूप में स्वीकार किया और कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ थे कि यूक्रेन यह तय करने की क्षमता बनाए रखे कि वह यूरोप में है या मॉस्को के प्रभाव में है.

जेलेंस्की ने बृहस्पतिवार को टीवी पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संदेश में कहा, ‘‘यह युद्ध तभी शुरू हुआ जब यूक्रेन ने अपने स्वतंत्रता के अधिकार की घोषणा की. इसके भविष्य के लिए अपनी पसंद की घोषणा की. हमने इसे यूरोपीय संघ में देखा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यूरोपीय संघ का यह निर्णय इतना महत्वपूर्ण है, हमें प्रेरित करता है और दिखाता है कि यह सब सिर्फ हमें ही नहीं चाहिए.’’ अन्य लोगों ने 2014 की उस क्रांति को याद किया जिसने यूक्रेन के मॉस्को समर्थक राष्ट्रपति को अपदस्थ कर दिया था. उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ एक सहयोग समझौते को पूरा नहीं करने का फैसला लिया था.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने समझौते का विरोध किया था. ठीक वैसे ही, जैसे उन्होंने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैनिकों को भेजने से पहले मांग की थी कि यूक्रेन को कभी नाटो में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. क्रांति के बाद प्रधानमंत्री बने विपक्षी नेता आर्सेनी यात्सेन्युक ने देश की उम्मीदवारी की स्थिति पर खुशी व्यक्त की, लेकिन इस बात पर ‘‘मलाल’’ भी व्यक्त किया कि देश ने ‘‘मुक्त, स्वतंत्र यूरोपीय राष्ट्र की इच्छा के लिये भयावह कीमत चुकाई है.’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमारे सैनिकों को शुक्रिया-उन्होंने यह फैसला हमारे लिये करवाया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन एक महान देश है जो अनिवार्य रूप से यूरोपीय संघ का सदस्य और अनिवार्य रूप से नाटो का सदस्य बन जाएगा.’’ रूस के देश पर आक्रमण करने के एक सप्ताह से भी कम समय के बाद यूक्रेन ने सदस्यता के लिए आवेदन किया था और 27 देशों के समूह में शामिल होने की योग्यता हासिल करने के लिए उसे कई महीनों की एक जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा.

यूरोपीय संघ ने छोटे राष्ट्र मोल्दोवा को भी उम्मीदवार का दर्जा दिया. यह भी एक और पूर्व सोवियत गणराज्य था जिसकी सीमा यूक्रेन से लगती है और रूस समर्थक अलगाववादियों का उसके एक क्षेत्र पर कब्जा भी है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूरोपीय संघ – और इसका संभावित विस्तार – रूस के लिए ‘‘खतरा या जोखिम’’ नहीं है क्योंकि यह नाटो जैसा सैन्य गठबंधन नहीं है. लेकिन उन्होंने कहा कि क्रेमलिन को लगता है कि यूरोपीय संघ का रुख और दृष्टिकोण ज्यादा रूस विरोधी हो गया है.

लावरोव ने कहा, ‘‘हम अच्छी तरह से जानते हैं कि यूरोपीय संघ पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है, एक आक्रामक वैचारिक पृष्ठभूमि प्राप्त कर रहा है, सर्वप्रथम रुसोफोबिक (रूस से डर वाली) पृष्ठभूमि.’’ यूरोपीय संघ की सदस्यता हासिल करने के लिए, देशों को कानून के शासन और अन्य लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता सहित कई आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों को पूरा करना होगा.
यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने संकेत दिया है कि यूक्रेन को भी व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होगा और अन्य सरकारी सुधारों को अपनाना होगा.

बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने कहा कि यूरोपीय संघ का यूक्रेन को जोड़ना ‘‘एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक संकेत था, लेकिन यह शुरुआत की तरफ शुरुआती कदम है.’’ कुछ यूक्रेनी लोग समझते हैं कि उनके देश को सदस्यता के कड़े मानदंडों को पूरा करने के लिए अब भी बहुत कुछ करना है.

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