गांव भारतीय लोकतंत्र के केंद्र में, इन्हें मजबूत बनाने से भारत समृद्ध बनेगा : बिरला

भारत का लोकतंत्र बदलते समय, वैश्विक दायित्वों के साथ तालमेल बना कर चल रहा : ओम बिरला

नयी दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘पंचायती राज’ इकाइयों को लोकतंत्र की नींव करार देते हुए बुधवार को कहा कि गांव भारतीय लोकतंत्र के केंद्र में हैं और इन्हें मजबूत बनाने से भारत समृद्ध बनेगा तथा ऐसे में स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है.

उन्होंने सुझाव दिया कि पंचायती राज के स्तर पर प्रश्नकाल जैसे पहलुओं को शामिल किया जाए जिससे अधिक जवाबदेही आएगी.
लोकसभा अध्यक्ष ने पानीपत और करनाल की जिला परिषदों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित परिचय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था से लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण और स्थानीय स्वशासन की भावना साकार होती है.

उन्होंने कहा कि ‘पंचायती राज’ इकाइयां लोकतंत्र की नींव हैं और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था देश की पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ आधार पर मजबूती से टिकी हुई है. बिरला ने कहा कि स्थानीय स्वशासन से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आम आदमी की भागीदारी सुनिश्चित होती है और इससे आम आदमी कानूनों, नीतियों आदि की रूपरेखा तैयार करने और उन्हें आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम होता है.

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ” गांव भारतीय लोकतंत्र के केंद्र में हैं और हमारे गांवों को मजबूत और समृद्ध बनाने से भारत समृद्ध बनेगा. इसलिए स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है.” जनप्रतिनिधियों की भूमिका का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों का जनता के साथ घनिष्ठ संपर्क होता है, इसलिए उन्हें व्यापक चर्चा और संवाद के माध्यम से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने आशा व्यक्त की कि जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों के साथ पूरा न्याय करेंगे और जिन लोगों ने उन्हें चुना है, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे.

भारत का लोकतंत्र बदलते समय, वैश्विक दायित्वों के साथ तालमेल बना कर चल रहा : ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत के इतिहास और संस्कृति को स्वरूप देने में लोकतंत्र की भूमिका की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि भारत में एक जीवंत लोकतंत्र है, जो बदलते समय और वैश्विक दायित्वों के साथ पूरी तरह तालमेल बना कर चल रहा है. लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय विदेश सेवा और रॉयल भूटान विदेश सेवा के प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत को गंभीर रूप से प्रभावित अर्थव्यवस्था, सामाजिक विभाजन और साक्षरता के निम्न स्तर जैसी समस्याओं के समाधान के लिए शासन का एक विकल्प अपनाना था. उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य में भारत ने लोकतंत्र को सच्ची भावना से और पूरे दिल से अपनाया जो भारत में चुनाव प्रक्रिया की सफलता से साबित हुआ है.

बिरला ने कहा, ” लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत ने सदैव विशिष्टता के साथ लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रथाओं को कायम रखा है.” उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को याद दिलाया कि भारत के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्त करने वाले कई देशों ने लोकतंत्र को कायम रखने के लिए संघर्ष किया या इसे त्याग दिया लेकिन भारत लोकतंत्र के पक्षधर के रूप में उभरा है.

उन्होंने कहा, ” भारत में एक जीवंत लोकतंत्र है, जो बदलते समय और वैश्विक दायित्वों के साथ पूरी तरह तालमेल बना कर चल रहा है.” लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारियों के सामने जलवायु परिवर्तन, विकासात्मक मुद्दों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद जैसी बड़ी-बड़ी चुनौतियां हैं.

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए इन चुनौतियों को भारत के लिए अवसरों में परिर्वितत करें.
बिरला ने अधिकारियों को जलवायु परिवर्तन संबंधी संवाद में एक प्रमुख शक्ति के रूप में भारत की भूमिका, भारत की लोकतांत्रिक ताकत और इसकी आर्थिक कुशलता से दुनिया को अवगत कराने की सलाह दी.

जी-20 शेरपा शिखर सम्मेलन और देश भर में हो रही बैठकों के संदर्भ में बिरला ने कहा कि आज न केवल देश के समृद्ध आतिथ्य-भाव का प्रदर्शन किया जा रहा है, बल्कि दुनिया को देश के नए और कम ज्ञात स्थानों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि युवा अधिकारियों को विश्व मंच पर भारत की छवि को बनाए रखना चाहिए और देश ने उन पर जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरना चाहिए.

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