आडवाणी में प्रधानमंत्री बनने की क्षमता थी, लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया: राउत

मुंबई. पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने की घोषणा किए जाने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता में प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत थी लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की थी कि आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाएगा और उन्होंने इसे अपने लिए ”एक अत्यंत भावुक क्षण” बताया था. आडवाणी (96) यह सम्मान पाने वाले 50वें व्यक्ति हैं. राउत ने कहा कि भाजपा आज जो कुछ भी है, वह आडवाणी की ‘रथ यात्रा’ की वजह से है.

उन्होंने कहा, ”उन्हें (आडवाणी को) देश का राष्ट्रपति नियुक्त किया जा सकता था लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया. उनमें प्रधानमंत्री बनने की क्षमता थी लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया.” आडवाणी को उसी वर्ष भारत रत्न दिया जाएगा, जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. आडवाणी ने राम मंदिर के मुद्दे को उठाने के लिए 1990 में ‘राम रथ यात्रा’ की थी. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भाजपा के लिए एक अत्यंत भावनात्मक मुद्दे के ”विजयी समापन” का प्रतीक है, जिसे 1990 में आडवाणी की ‘राम रथ यात्रा’ के माध्यम से जनता में लोकप्रियता मिली और हिंदुत्वादी पार्टी भाजपा के लगातार आगे बढ़ने का रास्ता खुला.

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