9 महीने बाद सुनीता विलियम्स ने मुस्कुराते हुए की पृथ्वी पर वापसी

नई दिल्ली: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने बाद धरती पर लौट आए हैं. फ्लोरिडा के तट पर भारतीय समय के अनुसार तड़के लगभग 3:30 बजे स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने समुद्र में लैंड किया.
इस लैंडिंग के साथ ही ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन का समापन हुआ. ये मिशन केवल 8 दिनों के लिए था. लेकिन इसमें 9 महीने का वक्त लगा. कैमरे में वो पल कैद हुआ जब समंदर में कैप्सूल की सफल लैंडिंग हुई.
बता दें कि दोनों अंतरिक्ष यात्री केवल 8 दिनों के लिए ही रवाना हुए थे. लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते उन्हें 9 महीने का वक्त वहां गुजारना पड़ा. 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल के जरिए उन्हें अंतरिक्ष में भेजा गया था. विलमोर और विलियम्स ने अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए, जो कि मूल रूप से निर्धारित समय से 278 दिन अधिक था.
इस दौरान उन्होंने उन्होंने स्पेस स्टेशन की देखभाल और सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फुटबॉल के मैदान के आकार का यह स्टेशन निरंतर रखरखाव की मांग करता है. उन्होंने पुराने उपकरणों को बदलने में भी मदद की. वैज्ञानिक प्रयोग किए.
नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 900 घंटे का शोध पूरा किया. उन्होंने 150 से अधिक प्रयोग किए और एक नया रिकॉर्ड बनाया – अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला का. उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर 62 घंटे और 9 मिनट बिताए. यानी 9 बार स्पेसवॉक किया.
कैसे हुई धरती पर वापसी, पढ़ें कब क्या-क्या हुआ
2.38 AM: ड्रैगन कैप्सूल से ट्रंक सफलता के साथ अलग हो गया. इसके साथ सबसे मुश्किल 46 मिनट शुरू हो गए. चारों अंतरिक्षयात्री अब धरती में ओर बढ़ने ही वाले हैं.
2.50 AM: वह पल शुरू हुआ जब पूरा कैप्सूल आग के गोले में बदल गया. धरती के वातावरण में घर्षण के कारण 3500 फारेनहाइट तक कैप्सूल तप जाता है. इसका मतलब है कि तापमान इतना बढ़ जाता है कि लोहा भी पानी हो जाए. लेकिन कैप्सूल में लगीं विशेष धातुएं कैप्सूल को गर्मी से बचाती हैं. आगे के सबसे मुश्किल मिनटों में कैप्सूल का सिग्नल भी टूट जाता है. नासा के मुताबिक यह समय करीब सात से 10 मिनट तक का रहता है.
2.54 AM: नासा के कमेंटेटर बता रहे थे कि कैप्सूल जब धरती से करीब 18 हजार फीट नजदीक आएगा तो इसकी रफ्तार 350 मील (करीब 500 किलोमीटर) के करीब हो जाएगी.
2.56 AM: नासा के सभी साइंटिस्ट की नजरें स्क्रीन पर टिकी हुई थी. धड़कनें बढ़ाने वाला पल शुरू हो गया.
3.19 AM: ब्लैकआउट फेज जारी. आग के गोला जैसा दिखाई दे रहा ड्रैगन फ्रीडम कैप्सूल. हीट शीट सभी यात्रियों को सुरक्षित रखती हैं. इस दौरान ग्राउंड से सभी कम्यूनिकेशन हट जाता है.
3.24 AM: सुनीता विलियम्स समेत अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आ रहा ड्रैगन कैप्सूल वायुमंडल पार कर गया है. पैराशूट खुल गया है. इससे यान की गति कम होगी.
3.27 AM: पैराशूट के साथ ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा तट से लगे समंदर में उतरा.
3.28 AM: सुनीता विलियम्स धरती पर लौट आई हैं हैं. उनका ड्रैगन कैप्सूल समंदर में सुरक्षित उतर गया है. ये ऐतिहासिक पल था.
10 दिन का मिशन 9 महीने के इंतजार में बदला
आपको बता दें कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, यह दोनों ही अंतरिक्ष यात्री पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली चालक दल परीक्षण उड़ान (क्रू टेस्ट फ्लाइट) पर बैठकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी. वैसे तो मिशन केवल 10 दिन का था लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आने की वजह से दोनों धरती पर वापस नहीं आ सके.
कोशिशें कई बार हुईं. आखिरकार दोनों स्पेस स्टेशन पर ही काम पर लग गए. अब यह जोड़ी दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ वापस आ रही है. इन चारों को धरती पर वापस लाने और उनकी जगह स्पेस स्टेशन पर रिप्लेसमेंट के तौर पर चार अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए नासा ने SpaceX के साथ मिलकर क्रू 10 मिशन भेजा. इसके यान, ड्रैगन ने 4 अंतरिक्ष यात्रियों को पहले स्पेस स्टेशन तक पहुंचाया और अब सुनीता विलियम्स समेत 4 अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर धरती पर वापस आ रहा.