कोरबिन से राहुल की मुलाकात पर भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोरबिन के साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात को लेकर मंगलवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कोई व्यक्ति कितने समय और कितना अपने खुद के देश के खिलाफ जा सकता है.’’ कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कोरबिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात की तस्वीरें साझा की और सवाल किया कि क्या इस मुलाकात का यह मतलब है कि प्रधानमंत्री भी भारत के बारे में कोरबिन के विचारों का समर्थन करते हैं? मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से भारत के नेता पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे.

केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू और भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कोरबिन से राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक ऐसे ब्रिटिश नेता से भेंट की है जो ‘भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करता है.’ इस पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी और कोरबिन के बीच पहले हुई मुलाकात की तस्वीर साझा की और कहा कि अगर अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से मुलाकात नहीं करनी है, तो सरकार को इस बारे में स्पष्ट कर देना चाहिए.

रीजीजू और मालवीय ने जो तस्वीर साझा की है, उसमें कोरबिन और राहुल गांधी के साथ ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के प्रमुख सैम पित्रोदा भी नजर आ रहे हैं. राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन दौरे पर हैं, जहां वह सोमवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक संवाद सत्र में भी शामिल हुए थे.

रीजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘फिर… राहुल गांधी ने ब्रिटिश सांसद और लेबर नेता जेरेमी कोरबिन से मुलाकात की, जो भारत के लिए अपनी नफरत और नापसंदगी के लिए जाने जाते हैं. वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं.’’ उन्होंने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘कोई व्यक्ति कितने समय और कितना अपने खुद के देश के खिलाफ जा सकता है?’’

भाजपा नेता मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘ब्रिटिश सांसद और लेबर नेता जेरेमी कोरबिन के साथ राहुल गांधी. कोरबिन भारत के प्रति असीमित द्वेष रखने के लिए जाने जाते हैं, वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से ंिहदू विरोधी हैं. राहुल गांधी को आखिरकार उनका वो विदेशी साथी मिल गया है, जो उनकी तरह खुलकर भारत को बदनाम करता है.’’ इस पर सुरजेवाला ने मोदी और कोरबिन की मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं मीडिया के अपने मित्रों से पूछना चाहता हूं कि इस तस्वीर में मौजूद में दो व्यक्तियों को पहचानिए. क्या आप वही सवाल इनसे भी पूछ सकते हैं? क्या इस मुलाकात का मतलब यह है कि प्रधानमंत्री भारत के बारे में कोरबिन के विचारों का समर्थन करते हैं?’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘ ‘‘नेता दूसरे नेताओं से पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे, जिनके विचार उनसे नहीं भी मिलते. राहुल गांधी जी का उस व्यक्ति के साथ तस्वीर लेना अपराध या आतंकवाद का कृत्य नहीं है, जिसकी राय हमसे अलग है.’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर (मुलाकात नहीं करने का) यह आधार है तो फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने दावोस में नीरव मोदी के साथ तस्वीर क्यों ंिखचवाई?उस वीडियो का क्या जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, मेहुल चोकसी को ‘हमारे मेहुल भाई’ कहते देखे जा सकते हैं?

प्रधानमंत्री ने शी चिनंिफग से मुलाकात क्यों की, जब चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है?’’ सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात क्यों की? क्या सरकार यह वादा करेगी कि ऐसे किसी व्यक्ति के साथ मुलाकात नहीं होगी, जिसके हमसे अलग विचार हों?’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के दुष्प्रचार पर नहीं, असल मुद्दों पर चर्चा करने का समय है.’’

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