लगभग 300 माओवादी मिलिशिया सदस्यों ने ओडिशा पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

मलकानगिरी. कुल 295 सक्रिय माओवादी मिलिशिया सदस्यों ने मलकानगिरी जिले के स्वाभिमान अंचल में ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें लाल विद्रोहियों से सहानुभूति रखने वाले निहत्थे ग्रामीण, मुखबिर और उनकी विभिन्न प्रकार से सहायता करने वाले लोग शामिल थे. पुलिस महानिदेशक एस के बंसल ने रविवार को यह जानकारी दी.

इस मिलिशिया में गण नाट्य संघ और ग्राम समितियों के सदस्य शामिल हैं. ये महिला और पुरूष सदस्य जोदाम्बो पुलिस थाने के तहत जंत्री ग्राम पंचायत क्षेत्र के धाकड़पदार, दबुगुडा, ताबेर और अर्लिंगपाड़ा गांवों के रहने वाले हैं. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वह लोग स्वेच्छा से जंत्री में एक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शिविर में आए और शनिवार दोपहर मलकानगिरी जिला प्रशासन की मौजूदगी में ओडिशा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. बंसल ने कहा कि मिलिशिया सदस्य प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन के कैडर नहीं हैं, लेकिन उनके सहायक के तौर पर काम करते थे.

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले मिलिशिया सदस्य आगजनी की घटनाओं, काले झंडे फहराने, वाहनों को जलाने, चुनाव का बहिष्कार करने, माओवादियों के लिए भोजन और रसद की व्यवस्था करने, सुरक्षा बलों की आवाजाही के बारे में जानकारी देने और ऐसे निर्दोष आदिवासियों को धमकाने और उन पर हमला करने जैसे कार्यों में शामिल थे, जिन्हें ‘‘पुलिस मुखबिर’’ कहा जाता था.
महानिदेशक ने कहा कि ग्रामीणों ने दावा किया कि उन्हें माओवादियों द्वारा गुमराह किया गया था, और वे इस साल दो जून को 50 मिलिशिया सदस्यों के आत्मसमर्पण से प्रोत्साहित हुए थे.

उन्होंने कहा, ”इस क्षेत्र में सरकार के विकास कार्यों को देखकर, माओवादियों ने मुख्यधारा में शामिल होने और शांतिपूर्ण जीवन जीने का फैसला किया.” आत्मसमर्पण करने वाले मिलिशिया सदस्यों ने माओवादियों की वर्दी जला दी और उनके खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने शिविर में ‘धेम्सा’ (स्थानीय लोक नृत्य) का प्रदर्शन किया और इस अवसर पर पुलिस और प्रशासन द्वारा आयोजित एक भोज में हिस्सा लिया. प्रशासन ने उन्हें मनरेगा कार्ड और पेंशन कार्ड वितरित किए. पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले मिलिशिया सदस्यों को खेल उपकरण भी प्रदान दिए. बंसल ने कहा, ”हम माओवादियों से मुख्यधारा में लौटने और शांतिपूर्ण जीवन जीने की अपील करते हैं.”

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