मैनपाट महोत्सव से अंचल की कला-संस्कृति को मिलती है नई पहचान: मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया

78 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का हुआ लोकार्पण-भूमिपूजन

छत्तीसगढ़ के बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध मैनपाट में आज लोक कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए मैनपाट महोत्सव का आगाज हुआ। महोत्सव का शुभारंभ नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने किया। मैनपाट महोत्सव का आयोजन रोपाखार जलाशय के समीप आयोजन किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय महोत्सव में सरगुजा अंचल के लोक कलाकारों द्वारा शैला, करमा सहित अन्य स्थानीय गीत-संगीत एवं नृत्य की मनमोहक प्रस्तति दी जा रही है।

मैनपाट महोत्सव का शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के उद्देश्य से मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में सरगुजा अंचल के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला संस्कृति की झलक दिखेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से अंचल की कला संस्कृति को नई पहचान मिलेगी। सरगुजा में कई दर्शनीय स्थल हैं जिसमें दर्शनीय स्थल एवं सांस्कृतिक विरासत के अनमोल धरोहर भी हैं। मैनपाट में बौद्ध मठ एवं अध्यात्म के भी दर्शन होते हैं। यहां तिब्बती बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा का भी दो बार पदार्पण हुआ है। यहां के तिब्बती भाई-चारे के साथ मिलजूल कर रहते हैं।

मंत्री डॉ. डहरिया ने इस मौके पर 78 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया और विभागीय उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी और विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण किया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना अंतर्गत विवाह सूत्र में बंधे 350 जोड़ों को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में मंत्रीद्वय ने 6 मुक्तांजलि वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

डॉ डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सभी वर्ग
के लोगों को ध्यान में रखकर योजना बनाई जा रही है ताकि योजना का लाभ व सम्मान सभी वर्ग को मिल सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को देश में धान का सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है। अगले वर्ष किसानों को धान का और अधिक मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की उन्नति में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया गया है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से परंपरागत खेलों को पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।

संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 8 वर्ष पहले शुरू हुए मैनपाट महोत्सव का देश-प्रदेश में विशेष पहचान बनते जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गठन के बाद किसानों का कर्जा माफी तथा देश में सर्वाधिक मूल्य पर धान की खरीदी करने का कार्य किया गया। राज्य सरकार विकास कार्यों के साथ ही सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान कठिन चुनौतियों के बाद भी राज्य सरकार ने सबके लिए दवाई, उपचार एवं खाने की व्यवस्था की। कोविड काल से मुफ्त चावल दिया जा रहा है। इस वर्ष धान खरीदी में रिकार्ड 1 करोड़ 8 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की गई। इस दौरान जिले के 41 विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है।

महोत्सव में सीजीएमएससी के अध्यक्ष डॉ प्रीतम राम, छत्तीसगढ़ स्थानीय आदिवासी स्वास्थ्य परंपरा एवं वनौषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, राज्य मदरसा बोर्ड के सदस्य इरफान सिद्दीकी, राज्य गौ-सेवा आयोग के सदस्य अटल बिहारी यादव, तेल घानी बोर्ड के सदस्य लक्ष्मी गुप्ता, राज्य बीज प्रमाणीकरण बोर्ड के सदस्य अरविंद गुप्ता, राज्य उर्दू अकादमी के सदस्य बदरुद्दीन इराकी, राज्य कर्मकार मंडल के सदस्य अनिल सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में सैलानी एवं आम नागरिक उपस्थित थे।

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