असम-मेघालय ने सीमा विवाद खत्म करने के लिये किया समझौता, शाह ने बताया ‘ऐतिहासिक दिन’
नयी दिल्ली. असम और मेघालय ने मंगलवार को 12 में से छह स्थानों पर अपने पांच दशक पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ‘‘ऐतिहासिक दिन’’ करार दिया.
समझौते पर शाह, असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों हिमंत बिस्वा सरमा व कोनराड संगमा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए. यह समझौता दोनों राज्यों के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा पर 12 में से छह स्थानों पर लंबे समय से चल रहे विवाद का समाधान करेगा.
शाह ने यहां गृह मंत्रालय में आयोजित समारोह में कहा, ‘‘यह पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है.’’ गृह मंत्री ने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर से दोनों राज्यों के बीच 70 प्रतिशत सीमा विवाद सुलझ गया है और उम्मीद जताई कि बाकी छह स्थानों के लिये भी समाधान ढूंढ लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतर-राज्यीय सीमा समझौता असम और मेघालय में शांति, सद्भाव और प्रगति के एक नए युग की शुरुआत करेगा. मैं पूर्वोत्तर की अपनी बहनों और भाइयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.’’ शाह ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी के शांतिपूर्ण और विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के नजरिये की पूर्ति की दिशा में एक और मील का पत्थर है.
उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता सहकारी संघवाद का उदाहरण है और राज्यों के बीच अन्य सीमा विवादों के समाधान के लिए एक कार्ययोजना प्रदान करेगा. असम 2743 किलोमीटर सीमा मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और पश्चिम बंगाल से साझा करता है. उसका नगालैंड, मिजोरम, मेघालय और मणिपुर से सीमा विवाद है.
जुलाई 2021 में असम के कछार जिले में असम और मेघालय पुलिस के र्किमयों के बीच भीषण सशस्त्र संघर्ष हुआ था. असम पुलिस के छह कर्मी मिजोरम के पुलिसर्किमयों के साथ हुए संघर्ष में मारे गए थे. जिसके बाद केंद्र को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. असम और मेघालय के बीच मंगलवार के समझौते का उद्देश्य दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में किसी भी तरह की ंिहसा की आशंका को खत्म करना है.
छह स्थानों में 36 गांव हैं, जिसके दायरे में 36.79 वर्ग किमी का क्षेत्र आता है, जिसके संबंध में समझौता हो गया है. दोनों राज्यों ने पिछले साल अगस्त में जटिल सीमा मुद्दे पर तीन-तीन समितियां बनाई थीं. समिति का गठन सरमा और संगमा के बीच दो दौर की बातचीत के बाद किया था, जहां पड़ोसी राज्यों ने चरणबद्ध तरीके से विवाद को सुलझाने का संकल्प व्यक्त किया था. समितियों द्वारा संयुक्त रूप से की गई अंतिम सिफारिशों के अनुसार, पहले चरण में निपटारे के वास्ते लिए गए 36.79 वर्ग किमी विवादित क्षेत्र में से, असम को 18.51 वर्ग किमी और मेघालय को 18.28 वर्ग किमी का पूर्ण नियंत्रण मिलेगा. असम और मेघालय के बीच विवाद के 12 ंिबदुओं में से, अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मतभेद वाले छह क्षेत्रों को पहले चरण में लिया गया.
असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद 50 साल से अटका हुआ है. हालांकि, हाल के दिनों में इसे हल करने के प्रयास में तेजी आई है.
सरमा ने कहा कि वह इस समझौते के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री के निरंतर मार्गदर्शन के लिए उनके आभारी हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सहकारी संघवाद को मजबूत करने के हमारे सामूहिक प्रयासों में यह एक मील का पत्थर है. साथ में, हम इस तरह के सभी सीमा मुद्दों को जल्द ही हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि मेघालय और असम के साथ 12 विवादित क्षेत्रों में से छह में विवाद को आधिकारिक रूप से हल करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ इतिहास बन गया है.