सुलतानपुर में मेनका गांधी के प्रचार अभियान से उनकी पार्टी के बड़े नेता गायब
वरुण गांधी ने मां मेनका गांधी के लिए किया प्रचार, टिकट कटने के बाद पहली बार प्रचार में उतरे

सुलतानपुर. नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी के निकट सुलतानपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार मेनका गांधी के प्रचार अभियान से पार्टी के बड़े नेता गायब हैं और अपनी संसदीय सीट बरकरार रखने के लिए वह अकेले मेहनत कर रही हैं. अहम बात यह भी है कि कोई विपक्षी नेता भी उनके खिलाफ प्रचार नहीं कर रहा है.
इस सीट पर उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार के राम भुआल निषाद से है और दोनों के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है. इसके अलावा मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार उदराज वर्मा कुर्मी बिरादरी से आते हैं और वह भाजपा के साथ-साथ सपा उम्मीदवारों के लिए भी परेशानी का सबब बन रहे हैं. वह अन्य पिछड़े वर्ग के वोटों में सेंध लगाने की जुगत में हैं.
उत्तर प्रदेश की सुलतानपुर सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रही मेनका गांधी ने पिछला चुनाव करीब साढ.े 14 हजार वोटों के अंतर से जीता था. वह इस बार बड़े अंतर से जीत दर्ज करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. मेनका ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा कि चुनाव में उनका ध्यान स्थानीय मुद्दों पर है. उन्होंने कहा कि इस बार उनकी जीत का अंतर पहले से कहीं ज्यादा होगा. मेनका अपने चुनाव प्रचार का ज्यादातर जिम्मा खुद ही संभाल रही हैं. भाजपा के शीर्ष नेताओं में से सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही सुलतानपुर में प्रचार किया है. आदित्यनाथ ने बुधवार को काजीपुर में उनके पक्ष में एक सभा को संबोधित किया था.
वरुण गांधी ने मां मेनका गांधी के लिए किया प्रचार, टिकट कटने के बाद पहली बार प्रचार में उतरे
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं पीलीभीत से निवर्तमान सांसद वरुण गांधी बृहस्पतिवार को सुलतानपुर से पार्टी उम्मीदवार अपनी मां मेनका गांधी के पक्ष में प्रचार करने के लिए यहां पहुंचे. सुलतानपुर सीट पर प्रचार के आखिरी दिन एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए वरुण ने जनता के साथ उनकी मां के आत्मीय रिश्ते का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, ”देश में हर जगह चुनाव हो रहे हैं… लेकिन देश में एक ऐसा क्षेत्र है जहां लोग अपने सांसद को सांसद जी, मंत्री जी या उनके नाम से नहीं बुलाते बल्कि क्षेत्र के लोग उन्हें माता जी कहकर बुलाते हैं.” वरुण ने कहा, ”मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार आप लोग सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं. किसी से कोई बैर नहीं है, यहां पर जितने लोग हैं सब मेरे हैं. जब मैं सुलतानपुर पहली बार आया तब मुझे अपने पिताजी की खुशबू महसूस हुई लेकिन आज मुझे यह कहने पर गर्व हो रहा है कि मैं अपनी मातृभूमि में आ गया हूं .” उन्होंने कहा कि सुलतानपुर के लोगों के परिवार पर कोई संकट आए तो वह अपने आप को अकेला न समझें.
गांधी ने कहा, ”मैं अपना फोन नंबर देकर जा रहा हूं मैं आपको एक सुरक्षा कवच दे रहा हूं. देश में जब सुलतानपुर का नाम आते ही मेनका गांधी का नाम सबसे पहले आता है. मैं वादा करता हूं कि सुलतानपुर में कोई भी व्यक्ति कभी अकेला नहीं रहेगा.” उन्होंने कहा, ”जिस तरह से पीलीभीत में हर किसी के पास वरुण गांधी का नंबर है, उसी तरह मैंने अपनी मां को रात 12 बजे तक लोगों का फोन उठाते और समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते देखा है.”