सही मायनों में भाजपा सरकार ‘मंगलसूत्र छीनने के लिए’ जिम्मेदार : कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को मोदी सरकार पर आम भारतीयों से ‘धन की निकासी’ उद्योगपतियों के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सही मायनों में ‘मंगलसूत्र छीनने के लिए’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जिम्मेदार है. एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी ने अडाणी और अंबानी को ‘गाली देना’ बंद कर दिया है और क्या उनकी पार्टी को बदले में इनसे पैसा मिला है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का भरोसा जताते हुए एक बयान में कहा, ”चार जून को जैसे ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता संभालेगी, हम आर्थिक विकास में तेजी लाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि आम भारतीय परिवार सबसे बड़े लाभार्थी हों. हम भारतीय परिवारों से मित्र पूंजीपतियों की तरफ होने वाली ‘धन की निकासी’ को समाप्त करेंगे.” उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक बयान में कहा कि 150 साल पहले दादाभाई नौरोजी ने ‘धन की निकासी’ का सिद्धांत दिया था और उन्होंने बताया था कि कैसे भारत के लोगों का धन लूटकर ब्रिटेन भेजा जा रहा था.

उन्होंने कहा, ”हमने 2014 से इसी तरह भारत के परिवार से मोदी के परिवार में ‘धन की निकासी’ देखी है. यह प्रधानमंत्री की ‘हम दो हमारे दो’ की नीति का प्रभाव है.” रमेश ने दावा किया, ”मोदी के अन्याय काल के हर गुजरते दिन के साथ यह ‘धन की निकासी’ शर्मनाक तरीके से नये रिकॉर्ड बना रही है. सात मई, 2024 को जारी राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी से पता चलता है कि भारत की शुद्ध घरेलू बचत में तीन साल में नौ लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. वास्तविक घरेलू बचत 2014 के बाद से सबसे कम है.” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन, अक्षमता और जन विरोधी नीतियों के कारण भारतीय परिवारों की बचत खत्म हो रही है और वे कर्ज में डूब रहे हैं.

रमेश ने कहा कि परिवारों को दिया जाने वाला कर्ज पिछले तीन साल में दोगुना होकर सात लाख करोड़ रुपये से 14 लाख करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने कहा कि सितंबर 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुलेटिन ने भारत की शुद्ध वित्तीय बचत को जीडीपी का केवल 5.1 प्रतिशत दिखाया जो 47 साल में सबसे कम थी. कांग्रेस नेता ने कहा, ”सही मायनों में, मंगलसूत्र छीनने के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उसकी आर्थिक विफलताओं ने स्वर्ण ऋण को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.” उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से जो भी विकास हुआ है, वह केवल प्रधानमंत्री के घनिष्ठ उद्योगपति मित्रों के लिए हुआ है.

रमेश ने आरोप लगाया, ”आज 21 अरबपतियों के पास सबसे गरीब 70 करोड़ भारतीयों की कुल संपत्ति से अधिक संपत्ति है.” उन्होंने कहा, ”आज सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों के पास भारत की 40 प्रतिशत संपत्ति है. यह आंकड़ा अंग्रेजों के औपनिवेशिक काल से भी अधिक है और दुनिया में सबसे खराब स्थिति को दर्शाता है.” इस बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर पार्टी के घोषणा पत्र में निजी क्षेत्र को और सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े-सभी उद्यमों को समर्थन करने का वादा किया गया है.

उन्होंने कहा, ”नियामक निगरानी स्पष्ट रूप से प्रतिपादित कानूनों और नियमों पर आधारित होगी जिन्हें निष्पक्षतापूर्वक और बिना किसी भेदभाव के लागू किया जाएगा. हम सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेंगे. हम एकाधिकार, अल्पाधिकार और साठगांठ वाले पूंजीवाद के विरोधी हैं.” चिदंबरम ने एक पोस्ट में कहा, ”हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी कंपनी या व्यक्ति वित्तीय या भौतिक संसाधनों या व्यावसायिक अवसरों या रियायतों पर अपने लिए अनाधिकार चेष्टा नहीं करे जो प्रत्येक उद्यमी को उपलब्ध होने चाहिए.”

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