सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से ‘बीमा घोटाले’ से जुड़े सवालों के जवाब देने को कहा

नयी दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को केंद्रशासित प्रदेश में हुए कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों का जवाब देने को कहा है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सात महीने में यह दूसरी बार है जब मलिक से सीबीआई पूछताछ करेगी. बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारियां समाप्त होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में मलिक से पूछताछ की गयी थी.

सीबीआई की ताजा कार्रवाई ‘द वायर’ को मलिक द्वारा दिये गये साक्षात्कार के महज एक सप्ताह बाद की गयी है. मलिक ने इस साक्षात्कार में भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और विशेष रूप से जम्मू कश्मीर में शासन चलाने के तरीके को लेकर आलोचना की जहां वह राज्य के केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन से पहले राज्यपाल थे. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सीबीआई ने ‘कुछ स्पष्टीकरण’ के लिए यहां एजेंसी के अकबर रोड स्थित गेस्टहाउस में उपस्थित होने को कहा है.

मलिक ने कहा, ‘‘वे कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं, जिसके लिए मेरी उपस्थिति चाहते हैं. मैं राजस्थान जा रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें 27 से 29 अप्रैल की तारीख दी हैं, जब मैं उपलब्ध रहूंगा.’’ सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में और जम्मू कश्मीर में कीरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मलिक के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं.

मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गयी थी. एजेंसी ने विवादास्पद स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित प्राथमिकी में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया था. खबरों के अनुसार मलिक ने 31 अगस्त, 2018 को राज्य की प्रशासनिक परिषद की एक बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी. बाद में योजना को समाप्त कर दिया गया.

एक प्राथमिकी में आरोप है, ‘‘जम्मू कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और कुछ अज्ञात लोक सेवकों तथा निजी लोगों के साथ मिलीभगत कर आपराधिक षड्यंत्र रचा और आपराधिक कदाचार किया.’’ दूसरी प्राथमिकी कीरू जलविद्युत परियोजना के सिविल कामकाज के ठेके देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ी है. सीबीआई का आरोप है कि ई-निविदा से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया.

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