मुझे फंसाने के दबाव के कारण CBI अधिकारी ने की आत्महत्या: सिसोदिया; एजेंसी ने दावा खारिज किया

नयी दिल्ली. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक अधिकारी ने इसलिए ‘‘आत्महत्या’’ कर ली, क्योंकि उस पर उन्हें आबकारी के ‘‘झूठे’’ मामले में फंसाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने इस घटना की ‘‘स्वतंत्र न्यायिक’’ जांच कराए जाने की मांग की. वहीं संघीय एजेंसी ने सिसोदिया के इन आरोपों को ‘‘भ्रामक’’ बताकर खारिज कर दिया.

इस बीच, भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला तेज करते हुए सोमवार को एक ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ का वीडियो जारी किया, जिसमें शराब घोटाले के एक आरोपी के पिता को कथित तौर पर यह दावा करते सुना जा सकता है कि उन्होंने दिल्ली में शराब का लाइसेंस पाने के लिए ‘कमीशन’ दिया था. सीबीआई ने सिसोदिया के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी दिल्ली आबकारी घोटाले की जांच से ‘‘किसी भी तरह से जुड़े नहीं’’ थे. सीबीआई ने एक बयान में यह भी कहा कि आबकारी नीति मामले में किसी भी आरोपी को क्लीन चिट नहीं दी गई है.

सीबीआई ने अपने अधिकारी जितेंद्र कुमार की मौत के संबंध में सिसोदिया के दावों को ‘‘भ्रामक’’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि उनके बयान ‘‘दिल्ली आबकारी नीति मामले में मौजूदा जांच से ध्यान हटाने का प्रयास’’ हैं. बयान में कहा गया, ‘‘सीबीआई सिसोदिया के इस शरारती और भ्रामक बयान का कड़ा खंडन करती है. यह स्पष्ट किया जाता है कि अधिकारी दिवंगत जितेंद्र कुमार इस मामले की जांच से किसी भी तरह से जुड़े नहीं थे.’’ बयान में कहा गया, ‘‘वह (कुमार) अभियोजन के प्रभारी उप कानूनी सलाहकार थे. इसके तहत वह उन अभियोजकों की निगरानी कर रहे थे, जो दिल्ली में पहले से ही आरोप-पत्र दाखिल हो चुके मुकदमों की सुनवाई में शामिल हो रहे हैं.’’ सीबीआई ने कहा कि मौत के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के अनुसार, अधिकारी ने अपने ‘सुसाइड नोट’ में अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया.

सीबीआई द्वारा सिसोदिया के आरोपों को खारिज किए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैं सहमत हूं कि सीबीआई अधिकार जितेंद्र कुमार जांच अधिकारी नहीं थे. वह मेरे मामले के कानूनी अधिकारी थे. उन्हें मुझे फंसाने के लिए झूठी कहानी गढ़ने को कहा गया. वह दबाव सह नहीं पाए और उन्होंने आत्महत्या कर ली.’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘सीबीआई के उप कानूनी सलाहकार दिवंगत जीतेंद्र कुमार की मौत के कारणों की उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में स्वतंत्र न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए.’’ सीबीआई ने 19 अगस्त को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सिसोदिया के आवास सहित 31 स्थानों पर छापेमारी की थी. सिसोदिया इस मामले के 13 आरोपियों में से एक हैं.

सिसोदिया ने 30 अगस्त को दावा किया था सीबीआई ने उन्हें मामले में ‘‘क्लीन चिट’’ दे दी है. सिसोदिया दावा करते रहे हैं कि उन्हें ‘‘मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोकने के लिए झूठे मामले में आरोपी बनाया गया है.’’ सिसोदिया का कहना है कि केजरीवाल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में उभरे हैं. कुमार का शव दक्षिण दिल्ली स्थित उनके आवास में एक सितंबर को फांसी से लटका मिला था. दिल्ली पुलिस ने बताया कि उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने कदम के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है.

सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया, ‘‘एक सीबीआई अधिकारी पर मुझे झूठे आबकारी मामले में फंसाने के लिए दबाव डाला गया. वह मानसिक दबाव नहीं झेल सका और उसने दो दिन पहले आत्महत्या कर ली. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं बहुत आहत हूं.’’ सिसोदिया ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अधिकारियों पर इतना दबाव क्यों डाला जा रहा है कि वे इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. आप चाहें तो मुझे गिरफ्तार कर लें, लेकिन अपने अधिकारियों के परिवारों को तबाह न करें.’’ उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वह केवल गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिए अन्य दलों के विधायकों को लुभाने के बारे में ही सोचते हैं.

‘आप’ नेता आतिशी ने कहा, ‘‘सिसोदिया के खिलाफ मामले में सीबीआई के कानूनी सलाहकार जितेंद्र कुमार पर दबाव डाला गया कि उपमुख्यमंत्री के खिलाफ मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आधार बनाया जाए. वह इस दबाव को सह नहीं पाए और दो दिन पहले उन्होंने आत्महत्या कर ली.’’ इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ हमले तेज करते हुए सोमवार को एक ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ का वीडियो जारी किया.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नई शराब नीति से जो लूट मची हुई थी, उसका आज खुलासा हुआ है. पहली बात ये है कि 80 प्रतिशत का जो लाभ है, वो दिल्ली की जनता की जेब से निकाल कर मनीष सिसोदिया और अरंिवद केजरीवाल ने कमीशन के माध्यम से अपनी जेब में डाला.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी बात ये है कि उन्होंने अपना कमीशन रख लिया और उसके बाद ठेकेदारों को, अपने मित्रों को दिल्ली की जनता के साथ जो करना है करो की छूट दे दी.’’ पात्रा, दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता और लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने कथित शराब घोटाले के 13वें आरोपी सनी मारवाह के पिता कुलंिवदर मारवाह के ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ का वीडियो जारी किया. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ से यह स्पष्ट हो गया है दिल्ली की सरकार ने ‘‘प्रतिबंधित सूची में डाली गई कंपनियों को आमंत्रित किया और उन्हें ठेके दिए’’.

गुप्ता ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने नयी शराब नीति लाकर जनता के कर के पैसों को बर्बाद किया है. घोटाला हुआ है, यह स्पष्ट हो चुका है, क्योंकि मारवाह ने सारी चीजें इस वीडियो में कबूल की है.’’ पात्रा ने कहा, ‘‘हमने अरंिवद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से नयी आबकारी नीति को लेकर पांच सवाल पूछे थे. हालांकि, अभी तक उन सवालों के जवाब नहीं आए हैं. ंिस्टग आॅपरेशन के जरिए हम उनकी पोल खोलने आए हैं.’’ गुप्ता ने दावा किया कि इस ‘‘ंिस्टग आॅपरेशन’’ से यह भी स्पष्ट हो गया है कि राजधानी दिल्ली में शराब की बिक्री में इजाफा तो हुआ, लेकिन इससे मिलने वाले राजस्व का भारी नुकसान हुआ.

उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल में थोड़ी भी शर्म है तो उन्हें सिसोदिया को बर्खास्त करना चाहिए.’’ तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार से आबकारी नीति को लेकर भाजपा ने जितने सवाल किए हैं, उन सभी के जवाब ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ ने दे दिये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आज ये भी स्पष्ट हो गया कि जो राजस्व दिल्ली सरकार को आता था, वह शराब व्यापारियों को क्यों दिया जाता था, क्योंकि वह भ्रष्टाचार में घूमकर इनके पास जाता था.’’ मनीष सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले पर भाजपा के ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ को मजाक करार दिया.

भाजपा के ंिस्टग आॅपरेशन के दावे पर पलटवार करते हुए सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई को उनके घर में, लॉकर में कुछ नहीं मिला और उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे दी गयी. उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने मुझे क्लीन चिट दे दी क्योंकि उसे कुछ नहीं मिला और इसीलिए भाजपा ये तरीके अपना रही है. यह ंिस्टग आॅपरेशन नहीं है, केवल मजाक है.’’ सिसोदिया ने यह भी कहा कि भाजपा कार में बैठे-बैठे कुछ भी बना सकती है लेकिन इससे यह ंिस्टग आॅपरेशन नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल मजाक है. मैं भी ऐसे कई ंिस्टग आॅपरेशन साझा कर सकता हूं और आपको उन्हें प्रसारित करना चाहिए.’’

आप ने भाजपा के ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ को ‘‘पूरी तरह अनुपयोगी, निराधार और घटिया’’ बताते हुए कहा कि भाजपा कुछ भी पाने और अपनी नाक बचाने की जुगत में लगी है क्योंकि सीबीआई को सिसोदिया के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है. आप के एक नेता ने आरोप लगाया कि वीडियो में जो व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं और उनका बेटा जिसे सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में आरोपी संख्या 13 बनाया गया है, दोनों ‘भाजपा के लोग’ हैं.

आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के ‘ंिस्टग आॅपरेशन’ के दावे पर कहा, ‘‘इसमें कुछ भी नहीं है. दरअसल दोहरा ंिस्टग आॅपरेशन होना चाहिए. वीडियो में जो व्यक्ति सवाल पूछ रहा है वह उस व्यक्ति से अधिक जानकार लग रहा है जिसका इंटरव्यू लिया जा रहा है. उसका भी वीडियो बनना चाहिए था.’’

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