भारतीय संस्कृति, पहचान को अपमानित करने की साजिश रच रही है कांग्रेस: ठाकुर

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह चुनावों में अपनी हार के कारणों का विश्लेषण करने के बजाय भारतीय संस्कृति और पहचान को अपमानित करने की साजिश रच रही है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि क्या उत्तर-दक्षिण विभाजन पर टिप्पणी, उत्तर भारत को ‘गौमूत्र राज्य’ के रूप में संर्दिभत करना और सनातन धर्म की आलोचना को उनकी मंजूरी थी.

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश फैला रहे हैं लेकिन विपक्ष ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में अपनी हार के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और क्षेत्रवाद को जिम्मेदार ठहरा रहा है.”

उन्होंने कहा, ”कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं में विश्वास नहीं करती. हार का सामना करने के बाद, वे कभी भी हार के कारण का विश्लेषण नहीं करते हैं. वे ईवीएम को दोष देते रहते हैं और सनातन धर्म, हिंदुओं और हिंदू संस्कृति का अपमान करते हैं.” उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने जातिवाद और धर्म के मुद्दे उठाए और जब यह काम नहीं आया तो वह अब उत्तर-दक्षिण विभाजन का सहारा ले रही है.

ठाकुर ने आरोप लगाया, ”कांग्रेस नीत घमंडिया गठबंधन हिंदू, हिंदी और सनातन धर्म का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.” केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के लोकसभा सदस्य डीएनवी सेंथिल कुमार के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने हिंदी भाषी राज्यों को ‘गोमूत्र’ क्षेत्र कहा था.

ठाकुर ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ”हिंदी, हिंदुओं और सनातन धर्म का अपमान करने वाली द्रमुक के साथ रहने की कांग्रेस की क्या मजबूरी है.” मंत्री ने याद दिलाया कि तेलंगाना के मनोनीत मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भी टिप्पणी की थी कि उनका ‘तेलंगाना डीएनए’ उनके प्रतिद्वंद्वियों के ‘बिहार डीएनए’ से बेहतर है.

ठाकुर ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और उनके बेटे उदयनिधि ने भी सनातन धर्म का अपमान करने वाली टिप्पणी की थी. ठाकुर ने दावा किया कि उत्तर-दक्षिण विभाजन को बढ़ावा देने का चलन 2019 में अमेठी से लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की हार के साथ शुरू हुआ.

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अमेठी में अपनी चुनावी हार के बाद अपनी लोकसभा सीट वायनाड में उत्तर भारतीयों को नीचा दिखाने वाले कुछ बयान दिए थे. उन्होंने कहा, ”हमने तब कहा था कि कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़ा है. अब, कांग्रेस के सहयोगियों की अपमानजनक टिप्पणियां देश को क्षेत्रीय आधार पर विभाजित करने के बीज बो रही हैं. यह कांग्रेस की फूट डालो और राज करो की वास्तविक सोच को दर्शाता है.”

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