मतदान को राष्ट्र निर्माण में योगदान समझें, राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से वोट अवश्य डाले: मुर्मू

नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को सुविधा संपन्न लोगों और युवाओं में मतदान के प्रति उदासीनता को रेखांकित करते हुए मतदाताओं का आह्वान किया कि वे मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान समझें तथा राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ वोट अवश्य डाले.

तेरहवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निर्वाचन आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की बढ़ती सक्रिय भागीदारी पर खुशी जताई और इसे चुनावी प्रक्रिया की बहुत बड़ी उपलब्धि करार दिया. इस अवसर पर मुर्मू ने सर्वश्रेष्­ठ निर्वाचन अभ्­यास की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को राष्­ट्रीय पुरस्­कार 2022 प्रदान किए.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक जन सेवक के रूप में मेरा व्यक्तिगत अनुभव ये रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित वर्गों के भाई बहन चुनाव प्रक्रिया में बहुत आस्था रखते हैं और बढ़-चढ़कर भागीदारी भी करते हैं. सुविधा संपन्न लोगों तथा युवाओं में चुनाव के प्रति अपेक्षाकृत कम उत्साह देखा जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने भी मतदान के प्रति इस उदासीनता को रेखांकित किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सभी नागरिकों से आग्रह है कि आप सब मतदान को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान समझें तथा राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ मतदान अवश्य करें.’’ इस अवसर पर ‘‘मैं भारत हूं, हम भारत के मतदाता हैं’’ गीत का प्रदर्शन किए जाने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इसमें भी मतदान के राष्ट्रीय कर्तव्य पर जोर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि इस गीत में यह संदेश दिया गया है कि ‘‘हम भारत भाग्य विधाता हैं, हम भारत के मतदाता हैं’’ उन्होंने कहा, ‘‘मतदान करना चाहिए, भारत के लिए.’’ मुर्मू ने कहा कि मतदाताओं और निर्वाचन आयोग के सम्मिलित प्रयासों से चुनावी प्रक्रिया को बल मिलता है. उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र विश्व के सबसे जीवंत और स्थिर लोकतंत्र के रूप में सम्मानित है और भारत का निर्वाचन आयोग विश्व के अनेक देशों में चुनाव प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है.

भारत में निर्वाचन प्रक्रिया की शानदार सफलता के पीछे मतदाताओं, निर्वाचन आयोग, विभिन्न राजनीतक दलों, संगठनों, मीडिया और गैर सरकारी संगठनों के योगदान की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव के माध्यम से पिछले सात दशकों के दौरान देश में एक सामाजिक क्रांति संभव हुई है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लोकतंत्र की बहुत बड़ी सफलता है कि दूर-सुदूर क्षेत्रों में रहने वाला सामान्य मतदाता ये महसूस करता है कि देश अथवा राज्य की शासन व्यवस्था कौन चलाएगा और कैसे चलाएगा. यह तय करने में उसकी निर्णायक भूमिका शामिल है.’’ उन्होंने कहा कि संविधान में निहित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय लोकतंत्र निरंतर आगे बढ़ रहा है.

उन्होंने भरोसा जताया कि निर्वाचन आयोग तथा अन्य सभी प्रतिभागियों के सम्मिलित प्रयास से देश का लोकतंत्र और अधिक सुदृढ़ बनेगा. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया और लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी निरंतर बढ़ रही है.

उन्होंने संसद के इतिहास में पहली बार महिला सदस्यों की संख्या 100 के आंकड़े को पार करते हुए 115 तक पहुंचने का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक देश की बहन-बेटियां लोकतंत्र को मजबूत करने में सक्रिय योगदान दे रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उनकी सक्रियता और संख्या में और अधिक वृद्धि होनी चाहिए.’’ उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में पिछड़े आदिवासी, दिव्यांगजनों, वयोवृद्ध और ट्रांसजेंडर मतदाताओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.

कार्यक्रम में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू, कानून राज्य मंत्री एस पी ंिसह बघेल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. रीजीजू ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव सुधारों को लागू करने के लिए राजनीतिक दलों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श आवश्यक है.

निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव सुधारों पर पेश किए गए विभिन्न प्रस्तावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श और चर्चा जीवंत लोकतंत्र के प्रतीक हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार ने अपने संबोधन में स्वीकार किया कि भारत के निर्वाचन आयोग की सबसे बड़ी संपत्ति वर्षों से चुनावों के पेशेवर संचालन के कारण प्राप्त विश्वास है.

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने वर्ष 2022 के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रथाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए. आईटी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, सुलभ चुनाव, मतदाता सूची और मतदाता जागरूकता और पहुंच सुनिश्चित करने के क्षेत्र में योगदान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 2022 के दौरान चुनावों के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कुल 13 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया.

वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव कराने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार और आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग को उनके आउटरीच और जागरूकता कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार दिया गया.
राष्ट्रपति ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार से ‘इलेंिक्टग द फर्स्ट सिटिजन – एन इलस्ट्रेटेड क्रॉनिकल ऑफ इंडियाज प्रेसिडेंशियल इलेक्शन्स’ नामक पुस्तक की प्रथम प्रति प्राप्त की. यह पुस्तक देश में राष्ट्रपति के निर्वाचन की ऐतिहासिक यात्रा की झलक देती है.

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