रूस पर प्रतिबंधों की अनदेखी करने वाले देशों को भुगतना होगा अंजाम : येलेन

वाशिंगटन. अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने चेतावनी दी है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर करने वाले देशों को इसके परिणाम भुगतने होंगे. अटलांटिक काउंसिल में बुधवार को दिए जाने के लिए तैयार टिप्पणी में येलेन कहती हैं, ‘‘प्रतिबंध लगाने वाले देशों का एकीकृत गठबंधन उन कार्यों के प्रति उदासीन नहीं होगा जो हमारे द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर करते हैं.’’

अमेरिका और उसके सहयोगियों ने यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ वैश्विक अर्थव्यवस्था को हथियार बनाने के लिए प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया है. अभी तक कोई भी देश प्रतिबंधों को खत्म नहीं कर रहा है, लेकिन सहयोगियों के बीच आशंका है कि चीन, जिसने पश्चिमी प्रतिबंधों की आलोचना की है, संभावित रूप से ऐसा कर सकता है.

येलेन ने इस सवाल पर विकल्प खुले रखे कि इसके परिणाम क्या हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘‘रूपरेखा को फिर से तैयार’’ किया है, जिसमें ‘‘आगे बढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय सहयोग की हमारी अवधारणा’’ शामिल है. एक गैर दलीय अमेरिकी वैचारिक संस्था ‘अटलांटिक काउंसिल’ में उनका भाषण दुनिया के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों द्वारा वांिशगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-विश्व बैंक समूह की बैठक बुलाए जाने से एक हफ्ते पहले हो रहा है.

आईएमएफ और विश्व बैंक एक वार्षिक सम्मेलन आयोजित करते हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले मुद्दों को संबोधित करता है. इस वर्ष, बैठकें 18-24 अप्रैल को वांिशगटन में डिजिटल रूप से और भौतिक रूप से होंगी. इस बार इसमें यूक्रेन पर रूसी आक्रमण – और विश्व शक्तियों को अर्थव्यवस्थाओं के बिखराव का प्रबंधन कैसे करना चाहिए – केंद्र में होंगे.

पिछले हफ्ते, येलेन ने एक अमेरिकी संसदीय समिति को बताया कि पूर्वी यूरोप में रूस की आक्रामकता का ‘‘यूक्रेन और उसके बाहर भारी आर्थिक असर होगा’’. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन द्वारा उत्पादित की जाने वाली ऊर्जा, धातु, गेहूं और मकई की कीमतें ‘‘बढ़ने जा रही हैं’’ और मुद्रास्फीति का दबाव भी.

Related Articles

Back to top button