माकपा महासचिव बेबी ने ‘अवैध भुगतान’ घोटाला मामले में विजयन की बेटी का बचाव किया

तिरुवनंतपुरम: केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के नवनिर्वाचित महासचिव एम ए बेबी ने सोमवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी टी वीना का बचाव किया, जिनका नाम हाल में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा एक ‘अवैध भुगतान’ मामले में लिया गया है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री की बेटी ने कुछ भी गलत नहीं किया है और मामले से संबंधित तथ्यों की पड़ताल करने पर यह बात बिल्कुल स्पष्ट हो गई है। उन्होंने कहा कि वीना के खिलाफ मामला सिर्फ इसलिए गढ़ा गया क्योंकि वह मुख्यमंत्री विजयन की बेटी हैं, जो केरल में माकपा और पार्टी के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) के ‘प्रमुख’ हैं।
बेबी वामपंथी पार्टी के नए महासचिव चुने जाने के एक दिन बाद एक टेलीविजन चैनल से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘केरल में माकपा और एलडीएफ पर हमला करने के लिए उन्हें इसके प्रमुख पर निशाना साधना होगा… और इसके प्रमुख पिनराई विजयन हैं।’’ बेबी ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री विजयन को निशाना बनाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए उनकी बेटी के खिलाफ मामला गढकर उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अपराधियों को उम्मीद है कि इससे आखिरकार विजयन को झटका लगेगा। नेता ने आरोप लगाया कि मामले और इसकी जांच में लोकतंत्र विरोधी दृष्टिकोण का सबसे खराब रूप देखा गया है। माकपा महासचिव ने आरोप लगाया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत एक न्यायाधिकरण ने जानबूझकर टिप्पणी की थी कि वीना केरल के एक प्रमुख राजनेता की बेटी हैं और सभी मुद्दे वहीं से शुरू होते हैं।
जब ??उनसे मुख्यमंत्री की बेटी के खिलाफ अभियोजन प्रक्रियाओं की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि देश में केंद्रीय एजेंसियां ??कैसे काम कर रही हैं। बेबी ने आलोचकों से पूछा कि वे बताएं कि वीना की आईटी सॉल्यूशन कंपनी के साथ समझौता करने के नाम पर कोच्चि स्थित निजी खनन कंपनी को केरल सरकार से क्या अवैध लाभ मिले हैं।
माकपा के नए महासचिव ने मुख्यमंत्री और उनकी बेटी को ऐसे समय में पुरजोर समर्थन दिया है, जब विपक्षी कांग्रेस और भाजपा विजयन के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने वीना का नाम ‘अवैध भुगतान’ घोटाले में लिया है।
खबरों में दावा किया गया है कि केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने उनके खिलाफ अभियोजन कार्यवाही की मंजूरी दी है। इन खबरों पर मुख्यमंत्री और वीना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिनमें दावा किया गया है कि जांच में पता चला है कि उन्होंने कोई सेवा प्रदान किए बिना एक निजी खनन कंपनी से 2.70 करोड़ रुपये प्राप्त किए।