ईडी, सीबीआई वोट हासिल करने में भाजपा की मदद नहीं करेंगी : ममता

शमशेरगंज. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियां अगले साल के लोकसभा चुनावों में वोट हासिल करने में भाजपा की मदद नहीं करेंगी. मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने और 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मिलकर मुकाबला करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी विपक्षी दलों से 2024 के चुनाव में एकजुट होकर भाजपा से लड़ने का आग्रह करती हूं. भाजपा विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन जांच एजेंसियां वोट हासिल करने में उसकी मदद नहीं करेंगी.’’ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध किए जाने के बावजूद राज्य प्रशासन को गंगा का कटाव रोकने के लिए कोई मदद नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि गंगा का कटाव मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में एक बड़ा मुद्दा है.

ममता ने दावा किया कि बांग्लादेश के साथ भारत की जल बंटवारा संधि से राज्य को स्थानीय लोगों के विकास के लिए उसके हिस्से के 700 करोड़ रुपये नहीं मिले. उन्होंने कहा, ‘‘कटाव एक केंद्रीय मुद्दा है. कई बार अनुरोध किए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने किसी भी तरह से हमारी मदद नहीं की है. इसके अलावा, उन्होंने हमें 1996 में बांग्लादेश के साथ हुई गंगा जल बंटवारा संधि से स्थानीय लोगों के विकास के लिए हमारे हिस्से के 700 करोड़ रुपये नहीं दिए. इस संधि को 20 साल से अधिक समय बीत चुका है.’’ इस अवसर पर ममता ने उन लोगों को ‘पट्टे’ (जमीन के दस्तावेज) सौंपे, जिन्होंने क्षेत्र में नदी के कटाव के कारण अपनी जमीन खो दी है.

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोगों के लिए काम करने के बजाय राजनीति करने, अत्याचार करने और अफवाह फैलाने में व्यस्त है. अगर उन्होंने विकास की दिशा में अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल किया होता, तो हम नदी कटाव की समस्या से अच्छी तरह निपट सकते थे… लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’’ दिसंबर 1996 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के बीच नयी दिल्ली में एक द्विपक्षीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे.

इस संधि ने 30 साल की जल-साझाकरण व्यवस्था की पुष्टि की और निचले स्तर के नदी तट पर स्थित क्षेत्र के रूप में बांग्लादेश के अधिकारों को मान्यता दी. ममता ने कहा, ‘‘गंगा का कटाव एक बड़ी समस्या है. मैंने नीति आयोग से भी इस संबंध में बात की है.’’ उन्होंने स्थानीय लोगों से नदी तट से कम से कम चार से पांच किलोमीटर दूर घरों का निर्माण करने की अपील की. तृणमूल सुप्रीमो ने घोषणा की कि राज्य ंिसचाई विभाग कटाव के मुद्दे से निपटने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास ज्यादा कोष नहीं है, लेकिन बावजूद इसके मैं आज कटाव की समस्या को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर रही हूं. इसमें से कुछ राशि का इस्तेमाल नदी कटाव से विस्थापित लोगों की मदद के लिए किया जाएगा.’’ कार्यक्रम में शामिल होने से पहले ममता ने नदी के कटाव का जायजा लेने के लिए शमशेरगंज के कुछ हिस्सों का दौरा किया.

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