पूर्वोत्तर से आफस्पा पूरी तरह हटाने, सभी को सस्ते उपचार के प्रयास : प्रधानमंत्री मोदी

दीफू/डिब्रूगढ़/गुवाहाटी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी से 250 किलोमीटर दूर दीफू में एक रैली में कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से आफस्पा को पूरी तरह हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. बाद में असम के डिब्रूगढ़ में सात कैंसर उपचार केंद्रों का उद्घाटन करने और सात अन्य की आधारशिला रखने के बाद एक रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नहीं चाहते कि कोई बीमार पड़े लेकिन अगर ऐसा होता है तो ‘‘हमने उनके लिए अस्पताल बनाये हैं ताकि बिना आर्थिक बोझ के सर्वश्रेष्ठ उपचार हो’’.

‘‘शांति, एकता और विकास’’ रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में पिछले आठ वर्षों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने के बाद सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (आफस्पा) हटाया जा सका है. मोदी ने कहा, ‘‘क्षेत्र में ंिहसा में 75 फीसदी की कमी आने के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने पर कानूनों को लागू करने की दिशा में बदलाव आया है. आफस्पा सबसे पहले त्रिपुरा में और फिर मेघालय में हटाया गया.’’

उन्होंने कहा कि असम में पिछली सरकारों ने गत तीन दशकों में इसे बार-बार बढ़ाया क्योंकि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया था. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्षों में स्थिति पर उचित नियंत्रण के कारण आफस्पा को राज्य के ज्यादातर हिस्सों से हटा दिया गया है. हम बाकी के हिस्सों से भी इसे हटाने की कोशिश कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कानून नगालैंड और मणिपुर के कुछ इलाकों में लागू है और हम इसे पूरी तरह हटाने पर तेजी से काम कर रहे हैं.’’ गौरतलब है कि केंद्र ने नगालैंड, असम और मणिपुर में आफस्पा के तहत आने वाले प्रभावित इलाकों को दशकों बाद एक अप्रैल से कम करने की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ‘डबल इंजन’ सरकार का प्रभाव असम में स्थायी शांति और तेज गति से विकास के लौटने में दिखाई देता है. उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता ‘‘डबल इंजन’’ शब्द का इस्तेमाल केंद्र और राज्य दोनों में पार्टी की सरकार होने के संदर्भ में करते हैं. मोदी ने कहा कि सरकार ने असम के कार्बी आंगलोंग और त्रिपुरा में शांति समझौते किए हैं जबकि पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति लाने एवं तेज गति से विकास करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘कार्बी आंगलोंग के कई संगठन शांति एवं विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए मुख्यधारा में लौट आए हैं. 2020 में बोडो समझौते ने क्षेत्र में और त्रिपुरा में शांति का मार्ग प्रशस्त किया, एनएलएफटी भी शांति के लिए आगे आया है जबकि ढाई दशक पुराने ब्रू-रियांग मुद्दे को भी हल कर लिया गया है.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्षेत्र में स्थायी रूप से शांति कायम हो गयी है और केंद्र तथा राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयास से पूर्वोत्तर राज्यों में तेज गति से विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया ‘‘जारी है और भविष्य में भी चलती रहेगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले पूर्वोत्तर को बम विस्फोटों और ंिहसा के लिए जाना जाता था और इससे सबसे ज्यादा पीड़ित हमारी माताएं, बहनें और बच्चे होते थे. अब जब युवाओं ने हथियार छोड़ दिए हैं तो मैं उनके चेहरे पर मुस्कान देखता हूं, मुझे लगता है कि ईश्वर मुझ पर कृपा बरसा रहा है.’’ मोदी ने कहा कि केंद्र ने कार्बी आंगलोंग और अन्य आदिवासी इलाकों में ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की नीति के साथ लोगों की मुश्किलों को हल करने की हमेशा कोशिश की है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा क्षेत्र में सौहार्द्रपूर्ण तरीके से राज्यों के बीच सीमा विवादों को हल करने के प्रयास किए गए हैं. मोदी ने कहा कि मेघालय और असम के बीच हाल में हुए सीमा समझौते से अन्य को भी मुद्दों को हल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा तथा आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग में पशु चिकित्सा विज्ञान और कृषि कॉलेजों तथा एक मॉडल सरकारी कॉलेज की नींव रखी तथा असम में 2,985 ‘अमृत सरोवर’ परियोजनाएं भी शुरू कीं.

उन्होने कहा कि कार्बी आंगलोंग के लिए 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं से युवाओं को नए अवसर मिलेंगे, खासतौर से उन युवाओं को लाभ मिलेगा जो राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए मुख्यधारा में लौट आये हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये नींव किसी इमारत या संस्थान की बुनियाद भर नहीं हैं बल्कि कार्बी आंगलोंग के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का आधार हैं.’’

राज्य में ‘अमृत सरोवरों’ के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर में इनकी शुरुआत की थी और असम में ‘‘ये सुविधाएं न केवल जल का स्रोत बल्कि आय कमाने का साधन भी बनेंगी.’’ बाद में डिब्रूगढ़ में सात कैंसर उपचार केंद्रों और सात अन्य की आधारशिला रखने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि कोई बीमार पड़े, लेकिन यदि ऐसा होता है तो हमने बिना आर्थिक बोझ के उनके सर्वश्रेष्ठ उपचार के लिए अस्पताल बनाये हैं.

उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब सात साल में एक अस्पताल बनाना बड़ी उपलब्धि होती थी लेकिन समय बदल गया है और एक ही दिन में सात कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया गया है, वहीं तीन और अगले कुछ महीने में तैयार होंगे. मोदी ने कहा, ‘‘मैं सभी के लिए अच्छी सेहत की प्रार्थना करता हूं और नहीं चाहता कि कोई अस्पताल जाए. अगर अस्पताल खाली रहेंगे, तो मुझे खुशी होगी.’’ उन्होंने कहा कि न केवल असम में बल्कि पूरे उत्तर पूर्व में बड़ी संख्या में लोगों को कैंसर हो रहा है और जो इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं, वे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग हैं. मोदी ने कहा कि पहले लोगों को इलाज के लिए राज्य के बाहर जाना पड़ता था और उन पर बहुत आर्थिक बोझ पड़ता था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच-छह साल में पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, उनके बाद मुख्यमंत्री बने हिमंत बिस्व सरमा और टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष रतन टाटा ने कैंसर रोगियों को प्रभावी उपचार प्रदान करने के लिए असम कैंसर केयर फाउंडेशन (एसीसीएफ) बनाने की पहल की. एसीसीएफ राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स का संयुक्त उपक्रम है.

मोदी ने कहा, ‘‘यह मानवता की उत्कृष्ट सेवा है और मैं इस पहल के लिए उनका आभार जताता हूं.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने इस साल के केंद्रीय बजट में उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए चिह्नित 1500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज में कैंसर उपचार पर भी ध्यान केंद्रित किया है क्योंकि यह बीमारी कैंसर रोगियों के परिवारों की माली हालत को बिगाड़ देती है और कई लोगों को कर्ज लेना पड़ता है.

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग लागत की वजह से इलाज के लिए नहीं जाते और हम ऐसा नहीं होने दे सकते. कैंसर की समय पर पहचान और उसका सस्ता उपचार मिलना चाहिए.’’ प्रधानमंत्री ने बताया कि कैंसर रोगियों को ‘जन औषधि’ योजना के तहत आधे दाम पर दवाएं मिलेंगी.

मोदी ने कहा कि सरकार का ध्यान नागरिकों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने पर है जिसमें योग, फिटनेस, स्वच्छता जैसे पहलू शामिल हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं नजदीक में मिलनी चाहिए और इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार बड़े शहरों में उपचार कराने की बाध्यता को भी कम करने के लिए प्रतिबद्ध है और स्वास्थ्य अवसंरचना में निवेश बढ़ाया गया है.

मोदी ने कहा, ‘‘2014 से पहले देश में केवल सात एम्स थे, लेकिन अब 16 नये एम्स बनाये गये हैं जिनमें एक गुवाहाटी (असम) में है. पहले केवल 387 मेडिकल कॉलेज थे लेकिन अब इनकी संख्या 600 हो गई है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 10 साल में डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी और एमबीबीएस तथा पीजी पाठ्यक्रम में 70,000 नयी सीटों को जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षा मातृभाषा या स्थानीय भाषा में भी दी जाएगी ताकि गरीबों के बच्चे भी डॉक्टर बनें.

मोदी ने यहां असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डिब्रूगढ़ कैंसर सेंटर का उद्घाटन किया. उन्होंने डिजिटल तरीके से बारपेटा, तेजपुर, जोरहाट, लखीमपुर, कोकराझार और दरांग में भी ऐसे छह केंद्रों का उद्घाटन किया. मोदी ने धुबरी, गोलपाड़ा, गोलाघाट, शिवसागर, नलबारी, नागांव और तिनसुकिया में सात कैंसर अस्पतालों की आधारशिला भी रखी. इस बीच आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान महंगाई के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन किये. पुलिस ने गुवाहाटी में प्रदर्शन कर रहे अनेक आप कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन हुए.

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