कैंसर की महंगी दवाइयों पर कारोबार ‘मार्जिन’ तय करने से कीमतों में कमी आयी : सरकार
नयी दिल्ली. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार ने 40 से अधिक महंगी कैंसर दवाइयों पर व्यापार ‘मार्जिन’ तय किया है जिससे कीमतों में कमी आई है. मांडविया ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत में अब कैंसर की दवाइयों के उत्पादन की क्षमता है और इससे पहले ज्यादातर दवाइयों का आयात किया जाता था.
उन्होंने कहा कि देश को कैंसर की दवाइयों का आयात करना पड़ता था, लेकिन अब भारत इसका उत्पादन करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘पीएलआई’ योजना शुरू की है, जिसके तहत कैंसर की दवाएं बनाने के लिए आवश्यक सामग्री का उत्पादन भी भारत में शुरू हो गया है. मांडविया ने कहा कि इसके अलावा, जरूरत के हिसाब से ऐसी दवाएं आयात की जाती हैं लेकिन सरकार ने कैंसर की 44 ऐसी दवाइयों का व्यापार ‘मार्जिन’ तय किया है जो काफी महंगी है.
मंत्री ने सदन को सूचित किया कि इन कैंसर दवाइयों की अधिकतम खुदरा कीमत को भी सीमित किया गया है. उन्होंने कहा कि व्यापार ‘मार्जिन’ तय करने के बाद, कैंसर की दवाओं की कीमत में काफी कमी आई है, जिससे कैंसर रोगियों को राहत मिली है. करीब 175 स्वास्थ्य संगठनों द्वारा केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) को स्वीकार नहीं करने संबंधी रिपोर्ट के संबंध में मांडविया ने कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि वरिष्ठ पत्रकारों की समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा जिनके बिलों को सीजीएचएस के तहत मंजूरी नहीं मिली है.
मांडविया ने कहा कि केंद्र सीजीएचएस की पहुंच का विस्तार करने के लिए प्रयासरत है और इसकी पहुंच 81 शहरों तक बढ़ाई जा रही है.
सीजीएचएस पैनल से प्रमुख निजी अस्पतालों के हटने के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर, मंत्री ने कहा कि सरकार स्थिति से अवगत है और उसने अस्पतालों के साथ इस संबंध में चर्चा की है.