श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे ने संसद की सदस्यता से दिया इस्तीफा

कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सबसे छोटे भाई और देश के पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की सरकार से पिछले एक महीने में राजपक्षे परिवार से यह दूसरा इस्तीफा है.

गौरतलब है कि श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के खिलाफ जारी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में देश के शक्तिशाली राजपक्षे परिवार के दो सदस्य सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं. बेसिल के पहले जनता के दबाव में राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे के बड़े भाई प्रधानमंत्री मंिहदा राजपक्षे ने पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था.

संवाददाताओं से बातचीत में बेसिल ने कहा, ‘‘मैंने इसलिए इस्तीफा दिया है ताकि श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) उचित व्यक्ति को नामित कर सके.’’ उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने यह समझते हुए इस्तीफा दिया है कि संविधान के 21वें संशोधन (21ए) के तहत वह संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे क्योंकि उनके पास अमेरिका और श्रीलंका की दोहरी नागरिकता है. इस पर राजपक्षे भाइयों में सबसे छोटे बेसिल ने कहा कि ऐसा नहीं है.

‘डेली मिरर’ अखबार के अनुसार, हालांकि, बेसिल का कहना है कि वह 21वें संशोधन के खिलाफ हैं. संविधान संशोधन के तहत 21ए का लक्ष्य दोहरी नागरिकता रखने वालों को जनप्रतिनिधि बनने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने से रोकना है. 21वें संशोधन संविधान के अनुच्छेद 20ए को भी निरस्त कर देगा, और 19वें संशोधन को निरस्त करते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया को मिली असीमित शक्तियों को खत्म कर देगा और संसद को मजबूत बनाएगा.

वहीं, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमंिसघे पर प्रत्यक्ष हमला बोलते हुए बेसिल ने कहा कि वह राष्ट्रपति के अधिकारों को कम करके बिना निर्वाचन के प्रधानमंत्री बने व्यक्ति को शक्तियां देने के खिलाफ हैं. उनके बड़े भाई मंिहदा राजपक्षे को इस आर्थिक संकट के बीच लोगों के दबाव के कारण इस्तीफा देना पड़ा.

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