गढ़चिरौली विस्फोट मामला: कथित नक्सली ने जमानत के लिए किया अदालत का रुख

मुंबई. सत्यनारायण रानी ने मई 2019 में गढ़चिरौली के आईईडी विस्फोट मामले में जमानत के अनुरोध को लेकर बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय का रुख किया. रानी कथित माओवादी नेता निर्मला उप्पुगंती का पति है. विस्फोट मामले की आरोपी उप्पुगंती की इस साल अप्रैल में लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई थी. वहीं रानी वर्तमान में आर्थर रोड जेल में बंद है. रानी भी मामले में सह आरोपी है.

वरिष्ठ अधिवक्ता युग मिहित चौधरी और अधिवक्ता पयोशी रॉय के जरिये दायर जमानत याचिका में रानी ने दावा किया कि मामले में उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. रॉय ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की एक पीठ को सूचित किया कि मामले में अभियोजन एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के पास रानी के खिलाफ ‘‘कोई सबूत नहीं है.’’

रॉय ने दलील दी, ‘‘उनके पास कुछ इलेक्ट्रॉनिक सबूत हैं जिनमें उसके (उप्पुगंती) द्वारा दिए गए भाषणों की क्लिंिपग शामिल हैं. इन भाषणों में मेरी (रानी की) कोई भूमिका नहीं है. मैं उस समय हैदराबाद में उसके साथ केवल रह रहा था और कैंसर से पीड़ित होने के कारण उसकी देखभाल कर रहा था.’’ उन्होंने कहा कि रानी पहले ही एक विचाराधीन कैदी के रूप में तीन साल से अधिक समय तक हिरासत में रह चुका है और जमानत पर रिहा होने का हकदार है. सरकारी अधिवक्ता प्राजक्ता ंिशदे ने जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा. उच्च न्यायालय इस अर्जी पर 15 जून को आगे की सुनवाई करेगा.

उप्पुगंती को 2019 में एनआईए द्वारा उसकी गिरफ्तारी के बाद यहां भायखला महिला जेल में रखा गया था. इस साल सात अप्रैल को, रॉय द्वारा उप्पुगंती का स्वास्थ्य बिगड़ने के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित किये जाने के बाद, अदालत ने उसे जेल से एक देखभाल केंद्र भेजने की अनुमति दी थी. अदालत ने रानी को निश्चित घंटों के लिए देखभाल केंद्र में उप्पुगंती से मिलने की अनुमति भी दी थी.
एक सप्ताह बाद, रॉय ने अदालत को सूचित किया कि उप्पुगंती की देखभाल केंद्र में कैंसर के कारण मौत हो गई है.

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