योगी और मोदी के कारण न्याय मिला : अलका राय

वाराणसी/नयी दिल्ली. माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के बाद दिवंगत भाजपा नेता कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने शुक्रवार को यहां कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण न्याय मिला है. वह काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर संवाददाताओं से बात कर रही थीं.

अंसारी की मौत के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचीं अलका ने कहा, ” बाबा विश्वनाथ पर मुझे पूरा विश्वास था और योगी जी तथा मोदी जी के कारण हमें न्याय मिला.” हालांकि, उन्होंने मंदिर आने के बारे में कहा, ”मैं हमेशा दर्शन करने आती हूं.” मुख्तार की मौत को विपक्षी दलों द्वारा साजिश बताए जाने के सवाल पर राय ने कहा, ”यह गलत बात है. उसने बहुत से बच्चों को अनाथ किया है. उसका अपने कुकर्मों के चलते अंत हुआ और इस धरती से बोझ खत्म हुआ.” इस बारे में अलका के बेटे पीयूष राय ने कहा कि विपक्ष को बोलने के लिए कोई मुद्दा चाहिए.

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मोहम्मदाबाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रहे कृष्णानंद राय के भतीजे आनन्­द राय ने पत्रकारों से कहा, ”भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.” उन्होंने कहा कि यह भगवान का न्याय है. वर्ष 2005 में विधायक कृष्णानंद की राय की हत्या में अंसारी और उसके परिजनों को आरोपी बनाया गया था. कृष्­णानंद राय की पत्नी व पूर्व विधायक अलका राय ने अपने बेटे पीयूष राय के साथ शुक्रवार को काशी विश्­वनाथ पहुंचकर दर्शन किए.

मुख्तार अंसारी ने 30 वर्ष की उम्र में दिखा दिया था कि वह कानून से नहीं डरता: दिल्ली पुलिस के अधिकारी
गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने मुख्तार अंसारी ने 30 वर्ष की उम्र में ही दिखा दिया था कि वह कानून से नहीं डरता. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी और कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा एक अत्यधिक संवेदनशील मामले में 1993 में गिरफ्तार किये जाने पर मुख्तार ने बेखौफ होकर अपने अपराधों के बारे में खुलासा किया था. यह मामला लुटियंस दिल्ली से एक कारोबारी का अपहरण करने और फिरौती मांगने से जुड़ा है.

उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद रहने के दौरान तबीयत खराब होने पर पांच बार के विधायक अंसारी को वहां के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर बृहस्पतिवार को अंसारी की मौत हो गई. दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक चंद ने अपहरण के मामले को याद करते हुए कहा, ”वह (अंसारी) उस वक्त करीब 30 वर्ष का था, आत्मविश्वास से परिपूर्ण और कानून के प्रति बेखौफ था. उन दिनों यह एक अत्यधिक संवेदनशील मामला था.” अधिकारी ने अपराध शाखा की टीम का नेतृत्व किया था और दिल्ली से करीब 250 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित पंचकूला से कारोबारी को सुरक्षित रूप से मुक्त कराने को सुनिश्चित किया था.

अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने पश्चिम दिल्ली के कारोबारी वेद प्रकाश गोयल के परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी.
अधिकारी ने दिल्ली में अंसारी से विस्तृत पूछताछ की थी. अधिकारी ने बताया कि वह और उनकी टीम ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह उत्तर भारत के ”बड़े बाहुबली माफिया” की फेहरिस्त में शुमार हो जाएगा. अंसारी जमीन हड़पने, जबरन वसूली, अपहरण, पैसे लेकर हत्या करने, हत्या, हत्या की कोशिश और शस्त्र अधिनियम सहित 61 मामलों का सामना कर रहा था.

वह ‘पोटा’ (आतंकवाद रोकथाम अधिनियम) और ‘मकोका’ (महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम) सहित दो और मामलों का सामना कर रहा था जो दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 2009 में दर्ज किये थे. गोयल अपनी लाल रंग की कार से यात्रा कर रहे थे और वह पंडारा रोड पर अपने दोस्त के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने जा रहे थे तभी सात दिसंबर 1993 को उनका अपहरण कर लिया गया था.

अधिकारी ने बताया कि अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने गोयल को तिलक मार्ग इलाके से अगवा किया था. उन्होंने बताया कि उसके सहयोगियों ने पुलिस को बताया कि अंसारी दक्षिण दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ है और उन्होंने उसे भी पकड़ लिया. अधिकारी ने बताया, ”हमने उनके पास से राइफल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद की.” उन्होंने कहा कि अंसारी एक बढि.या निशानेबाज था और वह अपने सटीक निशाने को लेकर जाना जाता था.

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