सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने में मदद के लिए कई उपायों पर कर रही है विचार

नयी दिल्ली: सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में निर्मित उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री के लिए एक लचीली रूपरेखा, अधिसूचना से बाहर करने के आसान ‘डी-नोटिफिकेशन’ मानदंड और इकाइयों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने जैसे कई उपायों पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

इसका मकसद एसईजेड को पुनर्जीवित करने में मदद करना और एसईजेड तथा घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) या घरेलू बाजार के बीच व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाना है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले आर्थिक क्षेत्रों को ‘विशेष आर्थिक क्षेत्रों’ (एसईजेड) कहा जाता है।

इन उपायों पर विभिन्न मंत्रालयों के विचार जानने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने विशेष आर्थिक क्षेत्र संशोधन विधेयक 2023 के मसौदे पर एक ‘नोट’ जारी किया है। अंतर-मंत्रालयी परामर्श तेज गति से जारी है और विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा।

अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि यह संशोधन विधेयक प्रस्तावित एंटरप्राइज एंड र्सिवस हब डेवलपमेंट (डीईएसएच) विधेयक के स्थान पर पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ संशोधन विधेयक का मकसद एसईजेड को पुनर्जीवित करना, एसईजेड और डीटीए के बीच व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाने में मदद करना है। इसमें छूटे हुए शुल्क के आधार पर एसईजेड से डीटीए को बिक्री की अनुमति देने, क्षेत्रों के आंशिक ‘डी-नोटिफिकेशन’ को रद्द करने की अनुमति, आसान अधिसूचना मानदंड, एसईजेड इकाइयों के लिए अनुमोदन को सुव्यवस्थित करने का प्रस्ताव है।’’

‘डी-नोटिफिकेशन’ से तात्पर्य एसईजेड के आकार को कम करने के लिए अनुमोदन बोर्ड से अनुरोध करना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि सरकार क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड में इकाइयों के लिए कुछ प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रही है।

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