IIT अनुसंधानकर्ताओं ने पानी के अंदर निगरानी के लिए ‘मरीन रोबोट’ विकसित किया
नयी दिल्ली. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी और पलक्कड़ के अनुसंधानकर्ताओं ने एक ‘मरीन रोबोट’ विकसित किया है, जो पानी के अंदर चलाये जाने वाले अभियान के लिए रखरखाव लागत और मृत्यु की आशंका को घटा सकता है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के नौसेना अनुसंधान बोर्ड (एनआरबी) द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान को दो पत्रिकाओं- ‘जर्नल ऑफ इंटेलिजेंट एंड रोबोटिक सिस्टम्स’ और ‘ओशन इंजीनियरिंग’ में प्रकाशित किया गया है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि अत्याधुनिक रोबोट को पानी के अंदर सावधानीपूर्वक निगरानी और निरीक्षण के लिए विकसित किया गया है, जिससे दक्षता बढ़ने के साथ ही जोखिम न्यूनतम होने तथा लागत में बचत होने की उम्मीद है. पृथ्वी की सतह लगभग 71 प्रतिशत पानी से ढकी हुई है, महासागरों में पृथ्वी का लगभग 96.5 प्रतिशत पानी है, जहां समुद्र तल और जलमग्न पारिस्थितिकी तंत्र का केवल एक छोटा प्रतिशत ही मनुष्य को ज्ञात है.
आईआईटी मंडी में ‘सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स’ के सहायक प्रोफेसर जगदीश कादियाम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”जैसा कि इतिहास से समझा गया है, समुद्र के अंदरूनी हिस्से को मुख्य रूप से अनुसंधान जहाजों से उतारे गए उपकरणों का उपयोग करके देखा गया है.” अध्ययन के सह-लेखक कादियाम ने कहा कि सामान्य जहाज का परिभ्रमण एक या दो महीने तक चलता है, इसलिए महासागरों की विस्तृत निगरानी सीमित हो जाती है. उन्होंने कहा, “अक्सर यह कहा जाता है कि समुद्री परिवर्तन माप के लिए जहाज के आने का इंतजार नहीं करते हैं.”
उन्होंने कहा, ”इन अवलोकन मंचों की अपेक्षाकृत उच्च लागत ऐसी प्रौद्योगिकियों की मांग करती है, जो स्थानिक और अस्थायी घनत्व के माध्यम से कम लागत पर लंबे समय तक अवलोकन समय प्रदान कर सकें.” उन्होंने कहा, “इसी तरह, पुराने बांधों और बढ़ते पर्यावरणीय तनाव के कारण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा एक वैश्विक चिंता है, जिसके लिए अधिक उन्नत निरीक्षण विधियों की आवश्यकता होती है. पारंपरिक निरीक्षण दृष्टिकोण में अक्सर मानव गोताखोर शामिल होते हैं, जिससे निरीक्षण जोखिम भरा, समय लेने वाला और महंगा हो सकता है.” उन्होंने कहा, “बांध निरीक्षण प्रक्रियाओं में पानी के अंदर काम करने वाले रोबोट को एकीकृत करना एक सुरक्षित, लागत प्रभावी और तकनीकी रूप से उन्नत समाधान प्रदान करता है.”