मोदी, बाइडन वार्ता के बाद भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण गठजोड़ की घोषणा

तोक्यो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अधिक समृद्ध, मुक्त और सुरक्षित विश्व के लिये साथ मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त करने के बाद भारत और अमेरिका ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपने सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिये अहम गठजोड़ की घोषणा की. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को ‘भरोसे की साझेदारी’ बताया तथा दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा एवं आर्थिक संपर्कों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत और अमेरिका ने दीर्घकालिक टीका कार्रवाई कार्यक्रम (वीएपी) को वर्ष 2027 तक बढ़ा दिया . वहीं, व्हाइट हाऊस ने ‘संयुक्त सैन्य बल-बहरीन’ में सहयोगी देश के रूप में भारत के शामिल होने की घोषणा की. तोक्यो में दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिकी पहल (आईसीईटी) की शुरूआत की जो कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कम्प्यूंिटग, 5जी, 6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में परिणामोन्मुखी सहयोग को सुगम बनाने के लिये है.

मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका ने दीर्घकालिक टीका कार्रवाई कार्यक्रम (वीएपी) को वर्ष 2027 तक बढ़ाया है जो संयुक्त जैव चिकित्सा शोध को जारी रखने के लिये है . इसका परिणाम टीके के विकास और संबंधित प्रौद्योगिकी के रूप में सामने आया है.
क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में मोदी ने अमेरिकी उद्योगों को भारत में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत में निर्माण के लिये आमंत्रित किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन से कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक गठजोड़ सही मायने में भरोसे की एक साझेदारी है तथा यह मित्रता वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिये अच्छाई की ताकत के रूप में जारी रहेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा एवं अन्य मामलों में हमारे साझा हितों और हमारे साझा मूल्यों ने विश्वास के हमारे बंधन को मजबूत किया है.’’ बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में राष्ट्रपति बाइडन के साथ अपनी बैठक को ‘सार्थक’ बताया.

मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ सार्थक बैठक हुई. हमने कारोबार, निवेश, रक्षा, लोगों के बीच सम्पर्क सहित भारत-अमेरिका संबंधों के विविध आयामों पर आज व्यापक चर्चा की . ’’ वहीं, व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के ‘‘अनुचित युद्ध’’ की ंिनदा की. उन्होंने कहा कि नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं, खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि की समस्या को दूर करने के लिये कैसे सहयोग किया जाए.

इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने ‘‘महत्वपूर्ण रक्षा गठजोड़’ को गहरा बनाने, दोनों देशों के फायदे के लिये आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा वैश्विक स्वास्थ्य गठजोड़, महामारी को लेकर तैयारी और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी को विस्तार देने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की.

बयान के अनुसार, दोनों नेता भारत के उचित ऊर्जा बदलाव की दिशा में उठाये गए कदमों को गति देने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल, उद्योगों को कार्बन मुक्त बनाने, वाहनों से शून्य उत्सर्जन एवं संबंधित निवेश जुटाने के लिये गठजोड़ मजबूत करने को लेकर आशान्वित दिखे. इस कदमों में ‘अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030’ शामिल है.

व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के अनुचित युद्ध की ंिनदा की. नेताओं ने मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस बात पर चर्चा की कि यूक्रेन में युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं को दूर करने के लिये और खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि से अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में कैसे सहयोग किया जाए. ’’

व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (आईसीईटी) की शुरुआत का स्वागत किया. इसे दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों द्वारा संचालित किया जा रहा है ताकि महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी को लेकर गठजोड़ को विस्तार दिया जा सके .

इसमें कहा गया है कि अमेरिका की 2022 में कृत्रिम बुद्धिमता, डेटा विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य एवं जलवायु जैसे क्षेत्रों में कम से कम 25 संयुक्त शोध परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए भारत के छह नवोन्मेष केंद्र से जुड़ने की योजना है. दोनों पक्षों ने आर्थिक सुरक्षा एवं मानवीय संकट को लेकर प्रतिक्रिया में नौवहन क्षेत्र की बुनियादी भूमिका को रेखांकित किया. मोदी ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि रक्षा एवं अन्य मामलों में दोनों देशों के साझा हित एवं साझे मूल्य हैं और यह सही मायने में भरोसे एवं मित्रता की एक साझेदारी है.
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे लोगों के आपसी संबंध और दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग हमारी साझेदारी को अद्वितीय बनाते हैं.’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार और निवेश में भी निरंतर विस्तार होता जा रहा है, यद्यपि यह अब भी क्षमता से बहुत कम है. मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे बीच भारत-अमेरिका निवेश प्रोत्साहन समझौते से निवेश की दिशा में ठोस प्रगति देखने को मिलेगी.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय सुदृढ़ कर रहे हैं .

मोदी ने कहा, ‘‘हम दोनों ही देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में समान नजरिया रखते हैं और न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर, बल्कि अन्य समान विचार रखने वाले देशों के साथ अपने साझा मूल्यों और साझा हितों को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्वाड और कल घोषित आईपीईएफ (समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप) इसके उदाहरण हैं. आज, हमारी चर्चा से इस सकारात्मक रफ्तार को और गति मिलेगी.’’ वहीं, बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बाइडन ने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे.

क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर बाइडन ने सोमवार को 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नए व्यापार समझौते की शुरुआत की थी, जिसका मकसद उनकी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने ट्वीट किया कि ‘भारत-अमेरिका समग्र वैश्विक रणनीतिक गठजोड़’ को आगे बढ़ाते हुए मोदी और बाइडन ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की .

आईसीईटी कार्यक्रम के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसका सह संचालन भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद करेगा. मंत्रालय ने कहा कि आईसीईटी सरकार, अकादमिक क्षेत्र और उद्योगों के बीच दोनों देशों में कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कम्प्यूंिटग, 5जी, 6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्र करीबी सम्पर्क स्थापित करेगा .

विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने समृद्धि के लिये हिन्द प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) का स्वागत किया. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, क्वाड शिखर सम्मेलन में एक सत्र के दौरान बाइडन ने कोविड महामारी का लोकतांत्रिक ढंग से मुकाबला करने के लिये मोदी की सराहना की और महामारी से निपटने में चीन की तुलना में भारत की सफलता का जिक्र किया.

बाइडन ने कोविड महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कोविड महामारी से ‘सफलतापूर्वक’ निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और भारत की कामयाबी की तुलना कोरोना वायरस से निपटने में चीन की ‘विफलता’ से की. एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने यह बात कही. अधिकारी ने बताया कि क्वाड सम्मेलन के एक सत्र में बाइडन ने कहा कि मोदी की सफलता ने दुनिया को दिखा दिया है कि लोकतंत्र क्या कर सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसने इस मिथक को भी झुठला दिया गया है कि चीन और रूस जैसे ‘निरंकुश देश’ तेजी से बदलती दुनिया को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं क्योंकि उनका नेतृत्व लंबी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बिना फैसले ले सकता है और उन्हें लागू कर सकता है.

अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने के अनुरोध के साथ बताया कि बाइडन ने कोविड महामारी से लोकतांत्रिक तरीके से सफलतापूर्वक निपटने के लिए मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने महामारी से निपटने में भारत की सफलता की तुलना चीन की नाकामी से की. अधिकारी के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन की ये टिप्पणियां किसी लिखित पाठ का हिस्सा नहीं लगतीं, क्योंकि उन्होंने अपने लिखित भाषण से पहले विशेष हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही.

अधिकारी के अनुसार जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी भारत के योगदान की सराहना की और उल्लेख किया कि किस तरह क्वाड टीका पहल के तहत वितरित भारतीय टीकों को थाईलैंड और कंबोडिया में हाल में कृतज्ञता के साथ प्राप्त किया गया. किशिदा ने यह भी कहा कि कंबोडिया में स्वयं प्रधानमंत्री हुन सेन ने टीका सौंपे जाने के कार्यक्रम में भाग लिया. अधिकारी के अनुसार इसी सत्र में आॅस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि भारत द्वारा दूसरे देशों को टीकों की आपूर्ति ने जमीनी हालात को बदला है और इस तरह की सफलता विचारों की सैद्धांतिक बहस जीतने से अधिक महत्वपूर्ण है.

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